सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। जिस तेजी के साथ मध्य प्रदेश के अलावा अन्य दूसरे राज्यों में काम चल रहा है, यहां कुछ सीरियस नहीं दिख रहा हैं. जो आ रहे हैं, उनको भी रोकने की साजिश हो रही है. मजदूरों को बड़ी संख्या में ट्रक में बिठाकर रवाना किया जा रहा है कि जिनको जहां जाना है जाए. यहां अफरातफरी की स्थिति बन रही है. यह बात पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने लॉकडाउन में फंसे छत्तीसगढ़ के मजदूरों की वापसी को लेकर कही.

डॉ रमन सिंह ने कहा कि गुजरात में दो ट्रेन तैयार हैं, लोग बैठे हैं, उनको तो उतार लें. यह क्या को-ऑर्डिनेशन है. यह क्या सीरियसनेस है. आज तक कोई चिट्ठी नहीं, पत्र नहीं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कह रहा है कि लोगों को लाना है तो चंदा दे. यह सरकार की जवाबदारी है कि गुजरात सरकार इतनी तैयारी के साथ सोलह सौ लोगों को बैठा दी थी. वहां परमिशन देने के लिए दो दिन का समय लग रहा है, तो ये कहां से लाने की व्यवस्था करेंगे.

उन्होंने कहा कि आपके दरवाजे में छत्तीसगढ़ के जो लोग हैं, उनके लिए भोजन की व्यवस्था, टेस्ट और क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था करनी चाहिए. आज 20 से 25 हजार लोग आएंगे तो उनके लिए आपने क्या कार्य योजना बनाई है. कोई गंभीर नहीं है. सिर्फ और सिर्फ कागजी बातें चल रही है. कागज में काम चल रहा है, और दूसरा कोई काम सरकार का नहीं है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पीएम मोदी को पत्र लिखने के सवाल पर डॉ रमन सिंह ने कहा कि पैसा तो मिलता रहेगा. अभी जो इमरजेंसी है, जो मजदूर भटक रहे हैं, भूख मर रहे हैं, सड़क पर पैदल चलकर आ रहे हैं. पैसे-कौड़ी की बात तो होती रहेगी, यह तो बड़ा मामला है, अभी जो आपके पास 2 से 3 हजार करोड़ रुपए हैं, उस पर कम से कम तीन, चार करोड़ खर्चा करके लाने की व्यवस्था करो.

उन्होंने कहा कि लंबी लंबी चिट्ठी लिखने से निराकरण तो होता रहेगा, आज की प्राथमिका क्या है. इन सब का टेस्ट करना, सब को क्वॉरेंटाइन करना, सबके लिए ट्रेन की व्यवस्था करना, सभी मुख्यमंत्रियों से कोऑर्डिनेशन बनाना और अपनी सहमति तत्काल देना. यह चार चीज कर ले और बाकी प्रधानमंत्री को रोज चिट्ठी लिखे हमको क्या?

अजीत जोगी के जल्द स्वस्थ होने की जताई उम्मीद

डॉ. रमन सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के तबीयत को लेकर कहा कि उनकी पत्नी से हालचाल जाना है. फोन पर उनसे चर्चा हुई. उनका ब्लड प्रेशर बेहतर स्थिति में है. उम्मीद करते है कि वे जल्दी स्वस्थ्य हो.