रायपुर- कोरोना वायरस संक्रमण का फैलाव रोके जाने के लिए छत्तीसगढ़ लाॅकडाउन है, लेकिन इस बीच सरकार शराब दुकान खोलने जा रही है. शुक्रवार को आबकारी विभाग ने आदेश जारी कर शराब दुकानों के संचालन के लिए चार सदस्यीय कमेटी बना दी है. सरकार के इस निर्णय पर पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह ने तीखा विरोध दर्ज कराया है. उन्होंने केरल का उदाहरण देते हुए कहा कि लाॅकडाउन रहते वहां भी सरकार ने शराब दुकान खोलने की अनुमति दी थी, लेकिन लोगों ने विरोध दर्ज कराया और हाईकोर्ट में याचिका लगा दी. कोर्ट ने इस पर सुनवाई के दौरान शराब दुकान खोले जाने पर कडा ऐतरात जताते हुए प्रतिबंध लगाए जाने का आदेश दिया है. रमन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी सरकार के इस फैसले का हम हर स्तर पर विरोध करेंगे. पूरा प्रदेश इसका विरोध करेगा. यदि इस प्रतिबंध को हटाया गया तो हम भी कोर्ट जाएंगे.
पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस को हम आपदा के रूप में देख रहे हैं. सोशल डिस्टेंसिग पर इतना जोर दिया जा रहा है कि स्कूल, कॉलेज, दुकान, माल सब बंद कर दिया. जहां 10 आदमी भी इक्कठे होते हैं, उन जगहों को प्रतिबंधित कर दिया गया है. दवा, दूध और सब्जी के किये ही छूट दी गई है, लेकिन मुझे आश्चर्य हो रहा है कि मंदिरा प्रेमियों के लिए सरकार ने ये निर्णय लिया है. यह बेहद आपत्तिजनक है. ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी है. सरकार ने अपने आदेश में मदिरा प्रेमियों की मांग पर आबकारी विभाग के अधिकारियों की कमेटी बना दी है. इसमें कोई विशेषज्ञ, सोशल एक्टिविस्ट, डॉक्टर जैसे लोग नहीं लिए गए हैं जो कोरोना का शराब से कनेक्शन बता सके. बल्कि ये स्पष्ट हो चुका है कि शराब से इम्युनिटी कमजोर होती है. इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है.
रमन ने कहा कि पांच लोगों की कमेटी जब-जब बनती है, तो मुझे घबराहट होने लगती है. शराब के लिए इससे पहले दो बार कमेटी बनाई जा चुकी है. एक बार फिर कमेटी बना दी है. दो दिन में रिपोर्ट देने कहा गया है. अधिकारियों से कहा गया है कि तत्काल रिपोर्ट दे कि मौजूदा हालात में शराब दुकान खोल दी जाए. उन्होंने कहा कि ये कही से भी उचित नहीं है. इस सरकार को पुनर्विचार करने की जरूरत है. डाक्टर रमन सिंह ने कहा, छत्तीसगढ़ के मजदूर, गरीब लोग जो पैसे के लिए भटक रहे हैं. लोगों के पास इस वक्त काम नहीं है, लोग अपने घरों में है. ये लोग अब घरों के बर्तन बेचेंगे, घर बेचेंगे, गहने बेचेंगे, शराब के लिए घर की महिलाओ को प्रताड़ित करेंगे. क्यूंकि शराब के लिए पैसे चाहिए होंगे. ऐसे गरीब तबकों के सामने बड़ा संकट होगा. नौकरी पेशा लोगों को बड़ा संकट होगा. इस निर्णय का मैं घोर विरोध करता हूँ. पूरा प्रदेश इस निर्णय का विरोध करेगा.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े-बड़े इंडस्ट्रीज के बंद होने से रिवेन्यू लास हो रहा है. कई हजार करोड़ का नुकसान हो सकता है. सरकार के राजस्व में कमी आ रही है लेकिन इस वक्त इन सबसे ज्यादा जरूरी लोगों का स्वास्थ्य है. लाॅकडाउन की वजह से फिलहाल शांति के हालात हैं. एक्सीडेंट के केस कम आ रहे हैं, लेकिन मदिरा प्रेमी ने एक बार शराब पी लिया तो घर मे कहां रहेगा, सड़क पर घूमकर पुलिस का सिरदर्द बढ़ाएगा. सामान्य आदमी को कंट्रोल करना आसान है. लेकिन शराबी को नहीं. डाक्टर रमन सिंह ने कहा कि अभी सब कुछ तालमेल से चल रहा है. हम भी अपनी पूरी टीम के साथ लगे हैं. पूरी पार्टी लगी है. मैंने पीएम कोष और सीएम कोष में सहायता राशि दी है. अन्य लोगों से भी बढ़ चढ़कर मदद की अपील की है. हम सब इस बीमारी से लड़ रहे हैं. इसमें राजनीति दल का कोई काम नहीं है. आपदा से निपटने हम सबकी बराबरी की भागीदारी हैं. मुख्यमंत्री के रूप में भूपेश बघेल ने यदि अच्छा काम किया है तो मैने उनकी तारीफ भी की है. छत्तीसगढ़ ने अच्छे कदम उठाने हैं. यदि आज उसकी सराहना हो रही है तो ऐसे कदम अब ना उठाये जिससे राष्ट्रव्यापी उसकी आलोचना हो.