रायपुर. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पीडीएस घोटाले का आरोप लगाते हुए सरकार पर निशाना साधा है. पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा, पीडीएस घोटाला छत्तीसगढ़ का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है. गरीब के निवाले का चावल छीनने और गरीबों के चावल में डाका डालने का काम कांग्रेस सरकार ने किया है. डॉ. रमन सिंह ने कहा कि, विधानसभा में इस संबंध में जब आंकड़े प्रस्तुत किए गए तो उसमें पाया गया कि, खाद्य विभाग के डेटाबेस में 1.65 लाख मीट्रिक टन चावल और जिले के डेटाबेस में 96 हजार मीट्रिक टन चावल दर्ज है. प्रदेश सरकार को यह बताना चाहिए कि, 68 हजार मीट्रिक टन चावल का यह अंतर क्यों आ रहा है और 600 करोड़ रुपए का चावल कहां गया?
आगे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा, इस पूरी प्रक्रिया में फूड इंस्पेक्टर को डाटा दर्ज करना था और उसकी जानकारी संचालनालय को देनी थी. फूड इंस्पेक्टर का कहना है कि, पूरे डाटा दर्ज कर संचालनालय को जानकारी दी थी, तो इसका साफ मतलब है कि 1 साल से चल रहा यह पूरा घोटाला संचालनालय की जानकारी में था. लेकिन कार्रवाई नहीं की गई. अब प्रदेश सरकार घपला किए गए 600 करोड़ रुपए की वसूली के लिए सीधे-सीधे राशन दुकानों और गरीबों को इसका शिकार बना रही है.
डॉ. रमन सिंह ने यह भी कहा कि, यदि प्रदेश सरकार और खाद्य विभाग इसके लिए दोषी है तो 2 माह का राशन देने के बाद तीसरे माह के राशन में अतिशेष आवर्तियों का समायोजन होता है. यह प्रक्रिया भाजपा के शासनकाल से चली आ रही है, जिसे कांग्रेस के प्रदेश सरकार ने खत्म कर दिया है. अतिशेष के रिकॉर्ड में और जो जानकारी विभाग संचालनालय को भेजता है, उसकी अवहेलना की गई है. कुल मिलाकर विभाग, संचालनालय और मंत्रियों की यह मिलीभगत है और अब छोटे-छोटे राशन दुकानदारों को इसकी वसूली के लिए शिकार बनाया जा रहा है. किसी राशन दुकान में चावल ज्यादा है तो यह किसकी गलती है? क्या फूड इंस्पेक्टर को मालूम नहीं है कि उसके पास भंडारण क्षमता नहीं है?
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि, छत्तीसगढ़ के पीडीएस सिस्टम की कभी मिसालें दी जाती थीं, लेकिन आज इस सिस्टम को इस कदर बदनाम कर दिया है कि, छत्तीसगढ़ देश में पिछड़ गया है. एक तो प्रदेश सरकार और कांग्रेस के लोग भ्रष्टाचार में लिप्त होकर इसमें गड़बड़ी कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5 किलो मुफ्त चावल देने की जो योजना है, उसमें भी घोटाला करके प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल देने के बजाय प्रति परिवार 5 किलो चावल दिया गया. प्रदेश भाजपा इन सारी बातों की शिकायत केंद्र सरकार और केंद्रीय खाद्य मंत्री से करेगी. डॉ. रमन सिंह ने कहा कि, पीडीएस घोटाले के मद्देनजर 13 हजार से ज्यादा दुकानों का सर्वे किया गया. 59 हजार मीट्रिक टन चावल के मामले में 600 से ज्यादा दुकानें प्रभावित हुई. क्या राशन दुकानों की मॉनिटरिंग करने का काम विभाग नहीं कर रहा है? विभाग और संचालनालय ने हजारों मीट्रिक टन चावल के घोटाले में संज्ञान क्यों नहीं लिया?
डॉ सिंह रमन ने आगे कहा, प्रधानमंत्री आवास योजना के संबंध में सरकार को यह पता होना चाहिए कि केंद्रीय योजनाओं में मैचिंग ग्रांट राज्य सरकार हमेशा से देती आई है. इसे नहीं देने की वजह से प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री आवास नहीं बना पाई और अब 50- 50 प्रतिशत शेयर की बात कर रही है. प्रदेश सरकार राजनीतिक श्रेय लेना चाहती है तो उसे केंद्रीय योजनाओं में राज्य सरकार का हिस्सा देना चाहिए.
डॉ रमन सिंह ने कहा कि, प्रदेश सरकार ने छल करके 16 लाख आवास लौटा दिए, इस योजना के लिए राज्य सरकार का 40 फ़ीसदी मैचिंग ग्रांट दिया नहीं. 2011 के सर्वे हुए 7.56 लाख आवास के लिए प्रदेश सरकार ने स्वीकृति नहीं दी. मुख्यमंत्री बघेल को तो केंद्र की पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के सर्वे पर भी भरोसा नहीं है. चुनाव आचार संहिता लगने में 5 महीने बचे हैं, चार माह प्रदेश सरकार आर्थिक-सामाजिक सर्वे कराएगी. इसका मतलब यह है कि, प्रदेश सरकार गरीबों को यह बता रही है कि प्रधानमंत्री आवास की उम्मीद इस सरकार से नहीं रखी जाए. 4 साल में 16 लाख आवास के मुकाबले सिर्फ 67 हजार मकान बनाने वाली भूपेश बघेल सरकार अब अपने आखिरी समय में सर्वे की बात कर रही है! यह उन लाखों हितग्राहियों का मजाक उड़ाना है.
चरम पर धर्मांतरण – डॉ रमन
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि, प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद से जिस तरह धर्मांतरण की बाढ़ आई है, वह चिंताजनक है. कांग्रेस शासन में गुंडागर्दी और डंडे के जोर पर मारपीट करके लोगों को धर्मांतरण के लिए बाध्य किया जा रहा है. नारायणपुर की घटना इसका एक दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण है कि जो धर्मांतरण नहीं करेगा, उन्हें घेर कर मारा पीटा जाएगा. उल्टे आपराधिक मामले उन पर दर्ज किए जा रहे हैं जो धर्मांतरण का विरोध कर रहे थे. नारायणपुर मामले में धर्मांतरण विरोधी 65 लोग जेल में हैं. धर्मांतरण कराने वालों के हौसले कांग्रेस के शासन में बुलंद हैं. आतंक के बल पर धर्मांतरण का ऐसा उदाहरण प्रदेश में पहले कभी नहीं देखा गया.
डॉ. रमन सिंह ने आगे कहा, प्रदेश में भू माफियाओं का राज कायम हो गया है. अब प्रदेश में जमीन बची ही कहां है? प्रदेश सरकार के संरक्षण में गुंडे-माफिया-दलाल सारी अच्छी व कीमती जमीन पर कब्जा करते जा रहे हैं? प्रदेश के गरीब, आम लोगों के लिए जमीन कहीं नहीं बची है, कांग्रेस समर्थित माफिया राजस्व विभाग के साथ मिलकर षड्यंत्रपूर्वक जमीन हथियाने का कुचक्र चला रहे हैं.
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