रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर पलटवार करते हुए पूर्व सीएम डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि बीजेपी प्रभारी किनसे बात करती हैं किससे नहीं करती हैं इस बात की सबसे ज़्यादा चिंता एक ही शख़्स को है वो है भूपेश बघेल. प्रभारी किन से मिल रही है, दौरा कहां कर रही हैं, किससे बात नहीं कर रही हैं, इसकी चिंता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्यादा है. अब आने वाले समय में उनका पूरा प्रोग्राम भूपेश बघेल को भेज देंगे. ताकि वो इस चिंता से मुक्त हो जाएं.
वहीं सीएम के बस्तर दौरे को लेकर रमन सिंह ने कहा कि अच्छा है, बस्तर जाना चाहिए, दौरा करना चाहिए. साढ़े तीन साल चार साल बाद बस्तर का प्रवास हो रहा है. बस्तर के एक-एक विधानसभा में जाना चाहिए क्योंकि उस क्षेत्र में सामान्यत: लोग कम जाते हैं.
इससे कोई दिक्कत नहीं है
भूपेश बघेल के दौरे को लेकर रमन ने कहा कि मुख्यमंत्री जाएंगे फोटो खिंचवा आएंगे एक बच्चे का ऑपरेशन कराने की बात कर देंगे, एक मकान दिलाने की बात कर देंगे. इसके अलावा कोई भी कार्य योजना पर विस्तार से बात नहीं होती है. आदिवासी जो हैं सरकारी समितियों में तेंदू पत्ता बेचने से इनकार कर रहे हैं. ये सरकार की असफलता है. ये खुद समिति बनाकर 500 रुपया गड्डी ख़रीदना शुरू कर दिए हैं. यानी सरकार की नीति का विरोध शुरू हो गया है. अब मुझे लगता है कि अब वनवासी जो है सरकार से पूरी तरीके त्रस्त आ चुके हैं. प्रदेश में अलग-अलग आंदोलन जारी है. लंबी लड़ाई के लिए आदिवासी तैयार हैं. अब ऐसा लगता है कि इस यात्रा में लोग अपनी बात को रखेंगे.
2013 में भी तीन नेता और आज भी वही तीन नेता
रमन ने कहा कि मुझे फिर ख्याल आ रहा है 2013 में जयपुर में चिंतन शिविर हुआ. उस समय इनकी 13 राज्यों में सरकार थी. उस समय भी इनके तीन ही नेता थे. 13 से आते आते 22 में फिर चिंतन शिविर में बैठ रहे हैं. अब तेरा राज्य से दो राज्यों में सिमट गया है. फिर चिंता कर रहे हैं. फिर वही तीन नेता हैं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी. इनकी बंद मुट्ठी में पूरी की पूरी संगठन काम कर रही है.
नया कैप्टन किसे बनाया जाए
पूर्व सीएम ने कहा कि राहुल गांधी तो ऐसे व्यक्ति है जो इस चिंतन शिविर के केन्द्र व्यक्ति हैं. वो ऐसे कैप्टन है जो ना रन बना रहे हैं न ही विकेट ले रहा हैं. पिछले 10 सालों से कांग्रेस ये मेहनत कर रही है कि राहुल गांधी की ताजपोशी हो जाए. चिंतन शिविर में चिंता का विषय यही है कि नया कैप्टन किसे बनाया जाए. इनके पास कोई रणनीति नही हैं. न कोई प्लानिंग है. ना ही देश के लिए कोई कार्य योजना है.
अनुमति लेने के कानून का विरोध
रमन ने कहा कि कहीं भी देश में ऐसा कानून लागू नहीं किया गया है जो अकेले छत्तीसगढ़ में इस प्रकार का कानून बनाया गया है. उन्होंने कहा कि हम लोगों का प्रश्न यही है कि तीन साल होते-होते ये सरकार जनता से इतना भयभीत क्यों है. इसीलिए ये काला कानून लागू किया गया है. प्रदेशव्यापी आंदोलन करके इस कानून का हमने विरोध किया. लाखों लोगों ने हमारे आंदोलन को समर्थन दिया.
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