रायपुर- राज्य के किसानों को धान के समर्थन मूल्य के अंतर की राशि अगस्त तक नहीं दिए जाने पर इस्तीफा देने के मंत्री टी एस सिंहदेव के बयान ने सियासी बखेड़ा कर दिया है. उनके इस बयान ने जहां सरकार के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी है, वहीं विपक्ष इस पर चुटकी ले रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह ने कहा है कि सिंहदेव के इस्तीफे की पेशकश कांग्रेस सरकार की चलाचली की बेला का अलार्म है.
डाक्टर रमन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार की दग़ाबाजी, वादाख़िलाफ़ी और सियासी नौटंकियों का एक-न-एक दिन यही हश्र होना था. भाजपा लगातार जिन मुद्दों पर सरकार की आलोचना कर रही है, सिंहदेव के इस्तीफे की पेशकश से उस पर मुहर लग रही है. उन्होंने कहा कि सरकार में दूसरे नंबर की हैसियत रखने वाले मंत्री टी एस सिंहदेव की यह पेशकश सरकार के राजनीतिक चरित्र के ताबूत की पहली और आखिरी कील साबित होगी. सरकार ने न किसानों के साथ न्याय किया, न शराबबंदी का वादा निभाया और न ही प्रदेश के शिक्षित बेरोज़गारों के लिए रोज़गार के कोई अवसर बाकी रखे.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोज़गार युवकों को प्रदेश की भूपेश सरकार ने इस क़दर हताशा के गर्त में धकेल दिया है कि वे अब आत्मदाह तक करने जैसा कदम उठाने को मज़बूर हो रहे हैं. यह सरकार के लिए चुल्लूभर पानी में शर्म से डूब जाने वाली स्थिति है.
किसानों के साथ कदम-कदम पर छलावा और धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए रमन सिंह ने कहा कि सिंहदेव ने किसानों के साथ हुए अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाकर सरकार को सबक सिखाने का जो संकल्प व्यक्त किया है, भाजपा उसका स्वागत करती है. शराबबंदी के बजाय घर-घर शराब पहुँचाने में जुटी सरकार ने प्रदेश की महिलाओं के साथ भी छलावा किया. महिला स्व-सहायता समूहों के कर्ज़ माफ करने का वादा तक अब सरकार के एजेंडे में कहीं नज़र नहीं आ रहा है.
रमन सिंह ने कहा कि कोरी सियासी लफ्फाजियाँ करने में मशगूल सरकार प्रदेश की मूलभूत समस्याओं व ज़रूरतों की लगातार अनदेखी करती रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट को लेकर भी सरकार ने ज़रा भी संवेदनशीलता और गंभीरता का परिचय नहीं दिया और चिठ्ठीबाजी करने में मुख्यमंत्री लगे रहे और संघीय व्यवस्था की अवहेलना मुख्यमंत्री का स्थायी राजनीतिक चरित्र बनकर सामने आया जिसके चलते वे बात-बेबात केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ बेजा प्रलाप करते रहे हैं.
डॉ. सिंह ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने भी प्रदेश के ज़मीनी सच को जानने की चेष्टा नहीं की और मुख्यमंत्री के झूठ के रायते का स्वाद ही लेता रहा. सरकार में उपजा यह असंतोष कांग्रेस नेतृत्व की इसी उदासीनता का परिणाम है. उन्होंने उम्मीद जताई कि मंत्री सिंहदेव की यह पहल प्रदेश को इस नाकारा, नेतृत्वहीन, बदनीयत और कुनीतियों वाली सरकार से मुक्ति दिलाएगा.