रायपुर- कोरोना संकट के बीच छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर हुए प्रशासनिक फेरबदल पर पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह ने कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि इस दौर में कलेक्टरों को हटाने से हालात ठीक नहीं होंगे. सरकार ने कोरोना आपदा को कहीं पंचायतों के भरोसे, तो कहीं केंद्र के भरोसे छोड़ रखा है.

रमन सिंह ने कहा कि मुझे लगता है कि कोरोना के मामले पर सरकार पूरी तरह से असफल रही है. राज्य में दो एक्टिव केसेज रह गए थे, अब यह बढ़कर 300 के करीब आ गई है. ये सरकार की असफलता है. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी असफलता क्वारंटाइन सेंटर साबित हो रही है. सरपंचों के भरोसे इन सेंटरों को छोड़ दिया गया है. उन्हें न तकनीकी ज्ञान है, न ही किसी अन्य चीजों की. क्वारंटाइन सेंटरों में चावल दाल खत्म हो गया है. सब्जी के लिए पैसे नहीं है. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ की इससे ज्यादा बदनामी नहीं होगी कि सुरक्षा के लिए बनाये गए क्वारंटाइन सेंटरों में मौतें हो रही हैं. सांप काटने से मौत हो रही है. लोग आत्महत्या कर रहे हैं. अब तक दस से ज्यादा लोगों की मौत हुई है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को इन सेंटरों की व्यवस्था को सुधारना चाहिए. छत्तीसगढ़ में कोरोना की स्थिति बद से बदतर हो गई है. उन्होंने कहा कि सरकार ने सेंटरों में मास्क, सेनिटाइजर के लिए कितनी राशि की व्यवस्था की है? भोजन, पानी के लिए क्या किया है? ये तो घोषित करे सरकार की कितनी राशि मुहैया कराई गई है. कहीं पंचायत के भरोसे, कहीं केंद्र के भरोसे ही सरकार काम कर रही है.  रमन सिंह ने कहा कि सरकार के मंत्रियों को मुंगेली, बलरामपुर, सूरजपुर जैसे इलाकों में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटरों का दौरा करना चाहिए, जहां मौतें हो रही है. रमन सिंह ने कहा कि यह वक्त ऐसा है कि मंत्रियों को वित्तीय अधिकार भी दिए जाने चाहिए, जिससे अपने-अपने इलाकों में जरूरत के मुताबिक निर्णय ले सके.