शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती ने एक बार फिर अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा हैं। उन्होंने कहा कि मेरे भतीजे राहुल लोधी को टिकट देना कोई एहसान नहीं बल्कि पार्टी की मजबूरी थी। इसके साथ ही भाजपा नेत्री ने अपने परिवार के बलिदानों और राजनीतिक दबावों का जिक्र करते हुए अपनी ही पार्टी को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

बीजेपी की फायर ब्रांड नेता व पूर्व सीएम उमा भारती ने अपने सोशल मीडिया मीडिया अकाउंट एक्स (X) पर एक के बाद एक कई भावुक पोस्ट किए। जिसमें उन्होंने कहा है कि मेरे परिवार ने बहुत कष्ट उठाए हैं, उन पर खूब झूठे आरोप लगे हैं, चाहे कांग्रेस की सरकार रही हो या बीजेपी की।

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मेरी राजनीतिक के कारण बहुत कष्ट उठाए

उमा भारती ने पोस्ट कर लिखा कि मेरे परिवार ने मेरी राजनीतिक के कारण बहुत कष्ट उठाया हैं। शायद ही मध्य प्रदेश बीजेपी के बड़े पदों पर बैठे नेताओं के परिवार ने इतने कष्ट उठाए हों, सरकार चाहे कांग्रेस की रही हो या बीजेपी की मेरी वजह से उनकी खूब प्रताड़ना हुई। लूट, डकैती जैसे झूठे आरोप लगे और कोर्ट में हमेशा वह पूरी तरह से निर्दोष साबित हुए। मेरे भाइयों की संताने मेरी छवि की चिंता के कारण स्वयं जितनी योग्यता रखते थे उतनी तरक्की नहीं कर पाए। मेरे एक भाई के बेटे राहुल को टिकट देना परिवार पर कोई एहसान नहीं था पार्टी की मजबूरी थी।

सांसद या विधायक बहुत पहले बन गए होते

उन्होंने आगे लिखा कि बुंदेलखंड में भाजपा को इससे नुकसान हो सकता था। मेरा परिवार तो जनसंघ के समय से भाजपा में है। राहुल और सिद्धार्थ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में बाल स्वयंसेवक थे। तब मैं राजनीति से कोसो दूर थी। मेरा परिवार जनसंघ से जुड़ा था। भाजपा अगर मुझे चुनाव न लड़ाती तो मेरे परिवार के भाई या भतीजे सांसद या विधायक बहुत पहले बन गए होते।

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बुंदेलखंड के सामंती आतंक के गढ़ को दी चुनौती

टीकमगढ़ जिले में सामंती शोषण के आतंक की जड़ें भाजपा के राज्य में भी उखड़ नहीं पाई थी। राहुल ने अपनी पत्नी उमिता सिंह को जिला पंचायत का उध्यक्ष बनाकर पूरे बुंदेलखंड के सामंती आतंक के गढ़ को चुनौती दे दी। अब दोनों पति पत्नी शान और स्वाभिमान के साथ राजनीति करते हैं। मेरे चारों भाई ऐसे ही रहे, मेरे पिता और दादा भी ऐसे ही थे।

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