कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) आज ग्वालियर (Gwalior) जिले के लाल पिटारा गौशाला पहुंची। उन्होंने गायों के बीच गौशाला (gaushala) में वक्त गुजारा। (Cow) गायों को दुलार कर चारा खिलाया।लाल टिपारा गौशाला को लेकर उमा भारती बोली- ये प्रदेश की वास्तविक “आदर्श गौशाला” है। इसे भारत की सर्वोच्च व्यवस्था वाली गोशाला कहूं तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। यहां रानी महारानी की तरह गाय की सेवा होती है। यह गौशाला सरकार और समाज के साथ संतों का मिलाजुला प्रयास है।

मेरी सभी लोगों से अपील है मधुशाला छोड़ो गौशाला की ओर बढ़ो। शराब छोड़ो और देसी गाय का दूध पियो, स्वस्थ रहो प्रसन्न रहो।प्रदेश में गौशालाओं के ठीक प्रबंधन न होने पर उमा भारती ने कहा -गौशालाओं की असफलता के पीछे प्रबंधन समिति की असफलता है।यदि गाय को धन कमाने का साधन बना लिया तो गाय की दुर्दशा ही होगी।कहा कि सीएम शिवराज सिंह चौहान को कई बार सलाह दे चुकी हूं। गौशाला को तब तक स्वीकृत मत करो जब तक यह सुनिश्चित ना हो जाए कि वह चल भी पाएगी या नहीं।

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गाय को लेकर कांग्रेस के आरोपों पर उमा भारती ने तंज कहा। कांग्रेस को अपनी हिस्ट्री नहीं भूलनी चाहिए। जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी तब उन्होंने संतों पर गोलियां चलवाई थी। सैकड़ों संत मारे गए थे,गौ हत्या पर रोक लगाने के लिए जनसंघ कार्यकर्ता और साधु संत भी गए थे, जिनकी हत्या की गई। इसलिए कांग्रेस जब भी लोकतंत्र की बात करें तो इमरजेंसी को याद कर ले। गाय की बात करें तो इंदिरा जी के वक्त चलाई गई गोलियों को याद कर ले।

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जोशी मठ आपदा मामले पर उमा भारती ने कहा कि माफिया जोशीमठ सहित पूरे उत्तराखंड को बर्बाद कर रहा है देश में 3 बड़े माफिया इसके दोषी है। शराब माफिया, खनन माफिया और पावर जनरेशन माफिया। हिमालय के पहाड़ लाखों साल पुराने कच्चे पहाड़ है। जोशीमठ के नीचे सुरंग बना ली है। जब मैं मंत्री थी तब एफिडेविट दे चुकी हूं उत्तराखंड में गंगा और उसकी सहायक नदियों पर पावर प्रोजेक्ट ना लगाया जाए। अगर लगा रहे हैं तो छोटे-छोटे पावर प्रोजेक्ट लगाया जाए, लेकिन देश के 3 माफियाओं ने उत्तराखंड को बर्बाद कर दिया। पर्यावरणविदों को मैनेज करके स्वीकृति ले ली जाती है। उसका ही परिणाम बनी है जोशीमठ की घटना। मैं खुद जोशीमठ जा रही हूं। वह आदि शंकराचार्य जी की तपस्थली है। इसलिए हम जोशीमठ को नष्ट नहीं होने देंगे, इसलिए मैं वहां जा रही हूं।

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