स्पोर्ट्स डेस्क. पूर्व भारतीय टेस्ट क्रिकेटर संजय मांजरेकर का मानना है कि विराट कोहली का ‘पावरगेम’ धीरे-धीरे लौट रहा है और टी20 विश्व कप से पहले वह चिर परिचित लय में आ रहे हैं. कोहली ने करीब 3 वर्ष तक खराब फॉर्म से जूझने के बाद एक महीने का ब्रेक लिया था. वह एशिया कप में फॉर्म में लौटे और भारत के लिए सर्वाधिक रन बनाए. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी टी20 सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया.
मांजरेकर ने यह कहा कि एशिया कप के हर मैच में उन्होंने रन बनाए और सिर्फ रन ही नहीं बनाए बल्कि प्रदर्शन में सुधार भी हुआ है. मुझे लगता है कि पावरगेम लौट आया है. उसका अपने पावरगेम पर भरोसा लौट रहा है.
अच्छी गेंद पर चौके-छक्के लगाते देखना संतोषजनक
मांजरेकर ने कहा कि, एक समय था जब कोहली के रन बन रहे थे, लेकिन पावरगेम नहीं लौट रहा था. अब वह लौट रहा है. उन्होंने कहा कि वह अच्छे चौके-छक्के लगा रहे हैं जो अच्छा संकेत है. मांजरेकर ने कहा कि वह अच्छी गेंदों पर चौके छक्के लगा रहा है और यह आत्मविश्वास से आता है. यह ऐसा खिलाड़ी है जिसका आत्मविश्वास जबर्दस्त है और इसी से वह उत्कृष्ट प्रदर्शन करता आया है लेकिन लंबे समय से रन नहीं बन रहे थे जिससे उसका आत्मविश्वास हिल गया था.
भुवनेश्वर कुमार पर अतिरिक्त बोझ, हर्षल पटेल की अपनी सीमाएं
तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार और हर्षल पटेल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ काफी महंगे साबित हुए. मांजरेकर का मानना है कि भुवनेश्वर पर अतिरिक्त बोझ था. उन्होंने कहा कि भुवनेश्वर पर जरूरत से ज्यादा बोझ है और वह काफी क्रिकेट खेल रहा है. उसने सारे मैच खेले और इस सीरीज में भी. उसे ब्रेक की जरूरत है जिसके बाद वह तरोताजा होकर खेलता है. उन्होंने कहा कि हर्षल की अपनी सीमाएं हैं. भारत को तीसरे तेज गेंदबाजी विकल्प के लिए और विकल्प आजमाने चाहिए. मोहम्मद शमी भी एक विकल्प है.
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