दिलशाद अहमद, सूरजपुर। छत्तीसगढ़ की पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उईके ने देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के दत्तक पुत्र बसंत पण्डो से वीडियो कॉल पर बातचीत की और उनसे मिलने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि आपके बारे में जानकारी नही थी नहीं तो आपसे जरूर मिलते। पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उईके ने बसंत के स्वास्थ्य की जानकारी ली और राष्ट्रपति के हाथों से सम्मानित होने पर बधाई भी दी। वहीं बसंत पण्डो ने उन्हें पण्डो नगर आने का नेवता दिया और उनका धन्यवाद किया।



बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जनजातीय गौरव दिवस 2025 के उपलक्ष्य में सरगुजा जिले में 20 नवम्बर को पीजी कॉलेज ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं थी। इस दौरान राष्ट्रपति ने पण्डो जनजाति के बसंत पण्डो से मुलाकात की थी। राष्ट्रपति ने उनका कुशल क्षेम जाना और उन्हें शॉल भेंट की थी। बसन्त पण्डो ने राष्ट्रपति को बताया था कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद जब वर्ष 1952 में अंबिकापुर आए थे, तब वे 08 वर्ष के थे। राष्ट्रपति ने बसन्त पण्डो को गोद लिया और उनका नामकरण किया था। बसंत पण्डो को गोद लेने के बाद पण्डो जनजाति को ’राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र’ कहलाने का दर्जा प्राप्त हुआ। राष्ट्रपति मुर्मू ने बसन्त पण्डो को कहा था कि आप मेरे भी पुत्र की तरह हैं।
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