मनोज यादव,कोरबा। भाजपा नेता देवेन्द्र पांडेय और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर के बीच शुरू हुआ विवाद गहराता जा रहा है. पांडेय ने ननकीराम से खुद की जान का खतरा होने की बात कहते हुए सुरक्षा की मांग की है. उनका कहना है कि उनके पास ऐसे लोग हैं, जो किसी भी तरह की अपराधिक घटना को उनके इशारे पर कभी अंजाम दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि मैं सृष्टि मेडिकल के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दूंगा, लेकिन मैंने इस संस्था की स्थापना की है. भले ही कुछ समय के लिए संचालन बाधित हुआ, पर इसे अंचल का सबसे किफायती अस्पताल बनाना हमारी जिम्मेदारी है.

सृष्टि मेडिकल इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर में मीडिया से चर्चा करते हुए भाजपा नेता देवेन्द्र पांडेय ने कहा कि ननकीराम कंवर के पुत्र संदीप कंवर शराबी हैं, इसलिए सृष्टि सोसाइटी में सदस्यता नहीं दी जा सकती. पिता की आड़ में सदस्य बनने कई तरह के हथकंडे अपना रहा है. हमारी कोशिशें रही कि सृष्टि के संचालन को लेकर जारी अवरोध को बैठक कर सुलझा लिया जाए, लेकिन पिता-पुत्र की हठधर्मिता की वजह से ही मेडिकल इंस्टीट्यूट अपने उद्देश्यों को पूरा करने में सफल नहीं हो पा रहा और यहां के स्टाफ भी अधर में लटके हुए हैं.

ननकीराम की दूरदर्शिता से बंद हुआ अस्पताल

उन्होंने कहा कि पारिवारिक संबंध होने के नाते पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर को संस्था का संरक्षक व उनकी धर्मपत्नी शकुंतला कंवर कोषाध्यक्ष बनाया. दोनों सृष्टि का संचालन करते रहे और पैसों का हिसाब शकुंतला संभालती रही. खाते में आए राशि से स्टाफ को वेतन भुगतान किया जाता था. ननकीराम की दूरदर्शिता से अस्पताल बंद हुआ. संस्था के ही एक डाक्टर की शिकायत के बाद समिति से निष्कासित किए जाने की बात ननकीराम को नागवार गुजरी है. अब इसे ही अहम की लडाई बनाकर वे राजनीतिक षड्यंत्र करने में लगे हैं.

20 लाख रूपए देने का आरोप झूठा

पांडेय ने कहा कि संस्था की सदस्यता के लिए 20 लाख रुपए देने का झूठा आरोप संदीप कंवर लगा रहे हैं. संस्था के संविधान में आजीवन सदस्यता के लिए मात्र 500 रुपये हैं, तो भला कोई 20 लाख रुपए क्यों देगा. संस्था में 10 रुपये से लेकर अपनी-अपनी क्षमता अनुसार हजारों लोगों ने सहयोग राशि दिया है.