झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री आखिरकार BJP में शामिल हो गए हैं. रांची के धुर्वा स्थित शाखा मैदान में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा और झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की मौजूदगी में चंपाई सोरेन ने अपने समर्थकों के साथ BJP की सदस्यता ली.
चंपाई सोरेन ने 28 अगस्त को JMM की सदस्यता से इस्तीफा दिया था. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म X पर इसकी जानकारी देते हुए कहा था, आज झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्राथमिक सदस्यता एवं सभी पदों से त्याग-पत्र दिया. झारखंड के आदिवासियों, मूलवासियों, दलितों, पिछड़ों एवं आम लोगों के मुद्दों को लेकर हमारा संघर्ष जारी रहेगा.
अमित शाह से की थी मुलाकात
कुछ ही दिनों पहले चंपाई सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की थी. इस मुलाकात की तस्वीरें असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने एक्स पर शेयर की थी और कहा कि चंपाई 30 अगस्त को बीजेपी में शामिल होंगे.
चंपाई सोरेन ने JMM पर लगाया अपमान करने का आरोप
इसके बाद चंपाई ने भी X पर एक लंबा पोस्ट कर हेमंत सोरेन सरकार और जेएमएम पर उन्हें अपमान करने का आरोप लगाते हुए नाराजगी व्यक्त की थी.
चंपाई सोरेन कितने पावरफुल?
कोल्हान टाइगर के नाम से प्रसिद्ध चंपाई सोरेन पार्टी के संरक्षक शिबू सोरेन के बाद JMM में सबसे वरिष्ठ आदिवासी नेता थे. चंपाई सोरेन झारखंड की प्रभावशाली संथाल जनजाति से आते हैं. 2011 की जनगणना के मुताबिक झारखंड की कुल 3 करोड़ 29 लाख 88 हजार 134 की आबादी में जनजातियों की भागीदारी 86 लाख 45 हजार 42 लोगों की है. इसमें भी अकेले संथाल आबादी ही 27 लाख 54 हजार 723 लाख है. चंपाई सोरेन संथाल जनजाति के शीर्ष नेताओं में गिने जाते हैं. झारखंड राज्य की मांग को लेकर हुए आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले चंपाई की अन्य जनजाति के लोगों के बीच भी मजबूत पैठ मानी जाती है.
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