झारखंड के पूर्व CM मधु कोड़ा को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली . आज शुक्रवार को कोर्ट ने उनकी ओर से दोषसिद्धि पर रोक लगाने से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया. इसके बाद, वह अब झारखंड में हो रहे विधानसभा चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली 3 सदस्यीय बेंच ने कोयला घोटाला मामले में दोषी करार दिए गए पूर्व CM मधु कोड़ा की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, ‘हम अफजाल अंसारी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत हैं.

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दिल्ली हाई कोर्ट ने मधु कोड़ा की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस चीमा केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) की तरफ से पेश हुए थे, और सुप्रीम कोर्ट के संजीव खन्ना और पीवी संजय कुमार की बेंच ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है.

मधु कोड़ा ने कोयला आवंटन घोटाला मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार करने की अपील की थी, जो 18 अक्टूबर को खारिज कर दी गई थी. इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री की याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिससे कोड़ा को यहां से भी निराशा हाथ लगी है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.

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कौन हैं मधु कोड़ा

झारखंड के 2006 से 2008 तक मुख्यमंत्री रहे मधु कोड़ा को 2017 में कोयला आवंटन घोटाला मामले में दोषी ठहराया गया, जिसके बाद वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. शीर्ष अदालत में मधु कोड़ा ने कोयाल घोटाले में राहत की मांग की, लेकिन कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा.

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क्या था मामला

मामला वर्ष 2008 का है. मधुर कोड़ा पर आरोप लगाया गया था कि वह रझारा नॉर्थ कोल ब्लॉक के आवंटन में गड़बड़ी की है. आरोप लगाया गया था कि विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (VISUL) को नियमों से बाहर कोयला ब्लॉक दिया गया था. यह मामला सीबीआई द्वारा जांचा जा रहा था. 2017 में कोर्ट ने मधु कोड़ा को दोषी ठहराया था और उन्हें 3 साल की सजा सुनाई गई थी, जिसके कारण वह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य नहीं थे. उन्होंने झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ने की कोशिश की, लेकिन हर जगह निराशा हाथ लगी है.

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