मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को अवैध वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शनिवार को मुंबई की एक विशेष अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. जबकि स्पेशल कोर्ट में ईडी की तरफ से कस्टडी की मांग की गई थी. इस मामले में अनिल देशमुख के बेटे ऋषिकेश देशमुख को सेशन कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. सत्र अदालत ने मामले की सुनवाई 12 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी.

यह मामला मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों से उत्पन्न हुआ है. जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वह वर्तमान में लापता हैं. सिंह ने देशमुख पर कथित तौर पर होटल व्यवसायियों से मुंबई के पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को 100 करोड़ रुपए का मासिक संग्रह लक्ष्य यानी उगाही करने का आरोप लगाया था, जिन्हें अब बर्खास्त कर दिया गया है.

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9 दिनों के लिए हिरासत बढ़ाने की मांग करते हुए ईडी ने कहा कि छुट्टियों के कारण वे कुछ दस्तावेज प्राप्त करने में असमर्थ हैं. देशमुख के जवाब टालमटोल वाले रहे हैं. इसलिए उन्हें मामले में शामिल अन्य आरोपियों के साथ उनका सामना कराने की आवश्यकता है.

ईडी की याचिका का विरोध करते हुए देशमुख की कानूनी टीम जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी, अनिकेत निकम और इंद्रपाल सिंह ने दलील दी कि पेश किए गए आधार अस्पष्ट हैं. पांच दिनों तक लगातार पूछताछ के बावजूद ईडी ने और अधिक हिरासत में जांच के लिए कोई नया कारण नहीं बताया है.

देशमुख ने सिंह और वाजे द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों का लगातार खंडन किया है. एक वीडियो बयान में सवाल किया है कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त जो कई मामलों में वांछित हैं और जिन्होंने आरोप लगाए हैं, अब उनका ही पता नहीं चल पा रहा है.

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