वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. पूर्व मंत्री और लोकसभा क्लस्टर प्रभारी अमर अग्रवाल ने कांग्रेस प्रत्याशी को घोषणा को लेकर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि बिलासपुर लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस को प्रत्याशी नहीं मिल रहा है. कांग्रेस के सभी स्थानीय प्रमुख नेता चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हैं. भिलाई से यहां प्रत्याशी को चुनाव लड़ने पर विचार किया जा रहा. ये स्थानीय कांग्रेसी नेताओं का दुर्भाग्य है.
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेसी बौखला गए हैं. लोकसभा चुनाव के बाद उन्हें पता चल जाएगा कि प्रदेश की जनता किसके साथ है. 1996 से लगातार भाजपा बिलासपुर लोकसभा चुनाव जीत रही है. जीत का अंतर भी लगातार बढ़ रहा है. इस बार भी सारे रिकॉर्ड तोड़ेंगे.
कांग्रेस के नहीं खोले 5 पत्ते
बता दें लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा ने प्रदेश की सभी 11 सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. जिसमें बिलासपुर से बीजेपी ने पूर्व विधायक तोखन साहू को उम्मीदवार घोषित किया है. वहीं कांग्रेस अब तक 11 में से 6 सीटों पर ही नाम तय कर पाई है. 5 बची हुई सीटों में बिलासपुर लोकसभा सीट भी शामिल है. जहां कैंडिडेट तय होना बाकी है.
2014 और 2019 में भी बीजेपी ने मारी थी बाजी
पिछले दो लोकसभा चुनाव की बात करें तो यहां दोनों बार भाजपा ने अपना परचम लहराया है. जिसमें 2014 के आम चुनाव में बीजेपी के लखनलाल साहू ने जीत दर्ज की थी. इनके सामने कांग्रेस ने वरिष्ठ नेत्री करुणा शुक्ला को उम्मीदवार बनाया था. दोनों प्रत्याशियों में जीत का अंतर 1 लाख 76 हजार 436 वोटों का रहा. वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से अरुण साव ने बाजी मारी थी. जिसके सामने कांग्रेस के अटल श्रीवास्तव थे. जिसमें बीजेपी ने कांग्रेस को 1 लाख 41 हजार 763 वोटों से हराया था.
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