
लक्षिका साहू, रायपुर। पूर्व मंत्री अमरजीत भगत अपने ही पार्टी के नेताओं से नाराज क्यों चल रहे हैं? अपने बयानों में लगातार अमरजीत भगत शीर्ष नेताओं को टारगेट करते हुए नजर आ रहे हैं. ताजा बयान निकाय चुनाव में करारी शिकस्त के बाद सामने आया है जहां एक तरफ उन्होंने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में सामंजस्य की कमी को हार का कारण बताया है तो दूसरी ओर कांग्रेस को आदिवासी विरोधी बताने वाला बयान दे दिया है.


उन्होंने लल्लूराम डॉट कॉम से चर्चा में कहा है कि जनता का जनादेश तो स्वीकार करना ही पड़ेगा लेकिन हार के कई कारण है जिसमें कांग्रेस के नेताओं में आपसी सामंजय्स की कमी शामिल है. सीनियर नेता सिर्फ अपने क्षेत्र तक सीमित रह गए, यदि सामूहिक नेतृत्व में प्रदेशभर में प्रचार किया जाता, तो चुनाव के परिणाम ऐसे नहीं होते. शीर्ष नेतृत्व में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, पीसीसी चीफ दीपक बैज और पूर्व मंत्रियों का जिक्र किया है. अमरजीत भगत का कहना था कि प्रदेश अध्यक्ष आदिवासी है तो अकेले उसे सूली पर चढ़ा दिया जाए ये सही नहीं है. हार की जिम्मेदारी सभी नेताओं की है.
अमरजीत भगत ने अपने ही पार्टी पर आदिवासियों को नजरअंदाज करने का बड़ा आरोप लगाया है. टीएस सिंहदेव के प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने का वो फिर विरोध करते हुए नज़र आए हैं. उन्होंने कहा कि उधर बीजेपी ने आदिवासी मुख्यमंत्री बनाया है. इधर एक आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष को हटाने की तैयारी है, इससे समाज में क्या संदेश जाएगा.? ऐसा कह कर उन्होंने एक बार फिर आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने की ओर इशारा किया है. उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस के नेताओं को सिर्फ बस्तर के आदिवासियों पर ध्यान होता है. सरगुजा के आदिवासियों की पूछ-परख नहीं है, सरगुजा क्षेत्र के आदिवासी कही नहीं दिखते. पार्टी को सरगुजा के आदिवासियों पर देना चाहिए ध्यान.
वहीं प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में स्वयं को कहा पाने वाले सवाल का जवाब अमरजीत भगत ने आइडियोलॉजी सेट करने वाले नेताओं पर निर्भर होने की बात कही है कि वो भगत को कहा सेट करते हैं. एक बार फिर उन्होंने कहा है कि वे सरगुजा के वरिष्ठ आदिवासी नेता है लेकिन उनको चुनाव समिति में शामिल नहीं किया गया. यदि शामिल किया गया होता तो चिरमिरी और अंबिकापुर के परिणाम कुछ और होते.
अपने बयानों के सहारे भगत ने आज कांग्रेस में बिखराव की स्थिति की चर्चा पर मुहर लगा दी है. अमरजीत भगत ने सरगुजा के आदिवासियों को नजरअंदाज करने की बात कह कर खुद को आदिवासी हितैषी बताने वाली कांग्रेस पार्टी को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक