रायपुर- पूर्व मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कोविड-19 के मामले में राज्य सरकार पूरी तरह असफल साबित हो रही है। मरीजो की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रदेश में 3 माह बाद भी न तो टेस्टिंग क्षमता बढ़ पा रही है और न ही बेड की क्षमता। प्रदेश में 15-15 दिन लोगों के सैम्पल की जांच नहीं हो पा रही है। हजारों की संख्या मेें सैम्पल की जांच पेंडिंग है।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कोविड-19 के बगैर जांच के 50 हजार से अधिक प्रवासी मजदूरो व लोगों को संस्थागत क्वारंटाईन से मुक्त कर दिया गया है। वहीं सरकार बढ़ रहे मरीजो को देखकर भविष्य के लिए न तो नए लैब सेंटर की व्यवस्था कर पा रही है और न ही बिस्तरो की। छत्तीसगढ़ में सरकार द्वारा बनाएं गए कोरान्टाईन सेंटर सुविधाओं के आभाव में मौत के सेंटर में तब्दील हो रहा है। कोरान्टाईन सेंटर में रोज सर्पदंश आत्महत्या बिच्छू काटने से लगभग देढ़ दर्जन से ऊपर लोगो की मौत हो गई है। प्रदेश में जितने लागे करोना से नही मरे उससे ज्यादा लोग कोरान्टाईन सेंटर में अव्यवस्था से मर रहे है।
अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में 15-15 दिन सैम्पल का जांच रिपोर्ट न आना, प्रदेश को महामारी के दिशा में धकेलने वाला कदम है। सरकार ने 3 माह में भी सैम्पल जांच के लिए समुचित लैब की व्यवस्था नहीं कर पाई, जिसके चलते एम्स व बाकी जगहो में सैम्पल का पहाड़ खड़ा हो गया है। जिन लोगों के सैम्पल जांच के लिए गए है, 15-15 दिन रिपोर्ट नहीं आने के कारण उनकी मानसिक परेशानी व तनाव बढ़ रहा है। प्रदेश में 5 लैब की जांच क्षमता से कई गुना ज्यादा सैम्पल आ गए है जिसके चलते सैम्पलों की जांच नहीं हो पा रही है हजारों की संख्या में सैम्पलों की जांच पेंडिंग है। स्वास्थ्य विभाग ने जिलों में फोन कर भारी संख्या में पेंडिंग को देखते हुए सैम्पल कलेक्शन भी बीच-बीच में रोक रहे है।
पूर्व मंत्री ने राज्य सरकार से मांग की है कि मेडिकल कालेजों व जिला अस्पतालों में भी कोविड-19 के जांच के लैब बनाया जाना चाहिए। प्रतिदिन बढ़ते एक्टिव मरीज व भारी संख्या में पेंडिग टेस्ट को देखते हुए यह निर्णय आवश्यक है। उन्होंने कहा है कि कई संक्रमितों ने 14 से 24 दिन क्वारंटाईन सेंटर में समय पूर्ण कर लिया है उनके बाद भी वे रिपोर्ट के इंतजार में वहाँ बैठे हुए है। वहीं अनेक कोरान्टाईन सेंटरो से लोगो को बिना किसी टेस्ट के 2-2 दिन में घर भेजा जा रहा है जो प्रदेश के बाकी जनता के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। पूरे प्रदेश में कोरान्टाईन सेंटर भगवान भरोसे है। सरकार इन सेंटरों में न तो कोई व्यवस्था की और ना ही ध्यान दिया, गांव में सरपंचों के भरोसे, ब्लाक लेबल पर जनपद पंचायत/नगर पंचायत के भरोसे इन सेंटरो को छोड़ दिया गया है।
अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना को लेकर गंभीर नहीं है। तीन माह के समय मिल जाने के बावजूद हाथ पर हाथ धरे बैठी है तीन माह के पर्याप्त समय के बाद भी प्रदेश में न तो पर्याप्त लैब तैयार कर पायी और न तो पर्याप्त कोविड हाॅस्पीटल की व्यवस्था हो पाई और न ही पर्याप्त बेड की व्यवस्था हो पाई है। दूसरी ओर कोविड संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में प्रतिदिन तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। पूरा राज्य कोरोना के मुहांने पर है और सरकार अपनी आपसी उलझनों में उलझी हुई है।