शब्बीर अहमद,भोपाल। 12 दिन बाद आखिरकार अपने ही फैसले को पलटते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानों को वित्तीय अधिकार लौटा दिया है. इसे लेकर अब सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने सीएम शिवराज सिंह पर तंज कसा है. पूर्व पंचायत मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि शिवराज सरकार की ट्यूबलाइट देर में जलती है. कांग्रेस के दबाव के चलते फिर पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकार देने पर भाजपा सरकार मजबूर हुई.
पूर्व पंचायत मंत्री कमलेश्वर पटेल ने निशाना साधते हुए कहा कि बीते 17 वर्षों से बीजेपी की सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों के साथ खिलवाड़ किया. उनके अधिकारों को छीनने का काम शिवराज सरकार किया. पंचायत प्रतिनिधियों को कमलनाथ सरकार ने उनके अधिकार दिए थे, जब ये चुनाव नहीं करा पाए तो फिर उनसे अधिकार छीन लिए. लेकिन कांग्रेस के दबाव के चलते अब फिर पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकार देने पर भाजपा सरकार मजबूर हुई.
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वहीं कांग्रेस के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है. मंत्री मोहन यादव ने कहा कि विपक्ष में रहकर कांग्रेस का काम ही है सरकार के हर निर्णय का विरोध करना. पंचायतों में विकास का काम प्रभावित ना हो इसलिए सीएम शिवराज ने सही फैसला लिया है. कांग्रेस को हर विषय में राजनीति दिखती है.
बता दें कि अधिकार छीनने के बाद सरपंचों ने भी आंदोलन किया था वहीं आज फिर सीएम शिवराज ने पंचायत प्रशासनिक समितियों को फिर उनके अधिकार बहाल कर दिए हैं. वहीं पूर्व पंच-सरपंचों को फिर से वित्तीय अधिकार लौटा दिया है. सीएम शिवराज ने पंचायत प्रशासनिक समितियों और पूर्व पंच-सरपंचों से बात करते हुए कहा कि- पंचायत के तीनों स्तर पर दिए गए प्रशासकीय अधिकार बीच में वापस ले लिए गए थे, जिसे आज मैं फिर से प्रदान कर रहा हूं. आप सभी को पूरी कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी और समर्पण से जनता के बीच जाकर जनता के कामों को देखना है.
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