रायपुर। द्रौपदी मुर्मू के रूप में भारत को पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति मिलने पर देश में उत्साह का माहौल है. लेकिन यह जीत आदिवासियों के लिए खास मायने रखती है. इसकी बानगी प्रदेश के आदिवासी बहुल जिले बीजापुर में देखने को मिली, जहां पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने पारंपरिक आदिवासी नृत्य कर कार्यकर्ताओं के संग जीत का जश्न मनाया.
बता दें कि स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति के तौर पर निर्वाचित हुई हैं. उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को बड़े अंतर से हराया. तीसरे राउंड में ही बहुमत का आंकड़ा पार कर चुकी मुर्मू ने कुल 64 प्रतिशत मत प्राप्त किए. मतगणना के दौरान कुल वैध मतों का मूल्य 10,56,980 रहा, जिसमें से 6,76,803 वोट द्रौपदी मुर्मू को मिले, यह कुल मतों का 64 प्रतिशत है. वहीं 3,80,177 मत विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को मिले.
द्रौपदी मुर्मू के चुनाव में जीत हासिल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबसे पहले उनके निवास पर जाकर बधाई दी और ट्वीट करते हुए कहा कि जब 1.3 अरब भारतीय आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तब पूर्वी भारत के एक सुदूर हिस्से में जन्मी आदिवासी समुदाय की भारत की एक बेटी हमारी राष्ट्रपति बनी है. भारत ने इतिहास रच दिया है. मुर्मू का जीवन एक प्रेरणा है.
विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने भी मुर्मू को बधाई देते हुए कहा कि वह आशा करते हैं कि 15वें राष्ट्रपति के रूप में बिना भय और पक्षपात के वह संविधान के संरक्षक की भूमिका निभाएंगी. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत देश की तमाम हस्तियों ने भी मुर्मू को इस ऐतिहासिक जीत पर बधाई दी.
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