राकेश चतुर्वेदी, भोपाल. मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने राज्य में चिकित्सा सुविधा व्यवस्था पर सवाल उठाया है. जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की कमी पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार से व्यवस्था नहीं सुधरी रही तो राज्य की सभी चिकित्सा व्यवस्था को सेना को सौंप देना चाहिए. सेना अच्छी तरह से व्यवस्था संभाल सकती है.
नहीं मिल रही आर्थिक सहायता
पूर्व मंत्री शर्मा ने कहा कि सरकार ने कोरोना वॅारियर्स की मौत 4 लाख रुपए देने की घोषणा की थी. इस घोषणा के विपरीत कोरोना वारियर्स की मौत पर एक के भी आश्रित को अब-तक सहायता राशि नहीं मिली है. उन्होंने कोरोना से पत्रकारों की मौत होने पर उन्हें भी कोरोना योद्धा मानने की बात कही है.
आईसीयू के लिए विधायक निधि से दी 10 लाख की सहायता
उन्होंने आज जेपी अस्पताल में आईसीयू के लिए विधायक निधि से 10 लाख और दिए हैं. उन्होंने शमशान घाट के लिए भी अलग से 10 लाखदेने का भरोसा दिलाया है.
अस्पताल काल सेंटर का बुरा हाल
पूर्व मंत्री ने बताया कि हमीदिया अस्पताल के कॉल सेंटर में फोन लगाकर व्यवस्था की उन्होंने जानकारी लेना चाही तो अस्पताल में जगह नहीं होने की जानकारी मिली. शर्मा ने फोन पर कहा कि मरीज को एडमिट करना है. अस्पताल के काल सेंटर से जवाब मिला जगह नहीं है.
सांसद प्रज्ञा भोपाल से गायब
उन्होंने सांसद प्रज्ञा के बहाने व्यवस्था पर कटाक्ष किया, कहा कि भोपाल में सब कुछ ठीक होता है तो सांसद प्रज्ञा ठाकुर यहीं रहती. जब महामारी आती है तो वे गायब हो जाती हैं. पहले कोरोनाकाल में भी गायब हो गई थीं.
दवा की कालाबाजारी
पूर्व मंत्री शर्मा ने बताया कि रेमडेसीवर इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही है. एक इंजेक्शन 20-20 हजार रुपए में मिल रहे हैं. इस आपदाकाल में प्रशासनिक अधिकारी का रवैया व्यवस्था के ठीक विपरीत है. डीएम, एडीएम और सीएमएचओ फोन रिसीव नहीं कर रहे है, मेरे पास मरीजों के लगातार फोन आ रहे हैं. आज भी मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल रही है. दवाई के लिए मरीज के परिजन भटक रहे हैं.