रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने राजधानी की 83.50 लाख वर्गफीट सरकारी ज़मीन बेचने की ख़बरों के मद्देनज़र प्रदेश सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा किया है। मूणत ने कहा कि प्रदेश सरकार इस मोर्चे पर भी अपनी दग़ाबाजी से बाज नहीं आई और उसने दशकों से काबिज़ लोगों को बेघर कर भू-माफ़ियाओं को फ़ायदा पहुँचाने के लिए यह फैसला किया है। सरकारी घास और अतिक्रमित बताई जा रही ज़मीन को खाली कराके बेचकर प्रदेश सरकार अपनी बदनीयती और कुनीतियों का परिचय दे रही है। भाजपा प्रदेश सरकार के इस फैसले के ख़िलाफ़ अदालत का दरवाज़ा खटखटाएगी।
मूणत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सबको मुफ़्त आबादी पट्टा देने की बात कही थी और अब प्रदेशभर में दशकों से क़ाबिज़ लोगों को ज़मीन खाली करने की लाखों रुपए की डिमांड नोटिस थमा रही है। ग़रीब और मध्यमवर्गीय परिवार के लोग तो नोटिस मिलते ही परेशान हो रहे हैं और मुफ़्त आबादी पट्टा देने का झँसा देकर उनके सामने अब बेघर होने की नौबत प्रदेश सरकार ने ला दी है। मूणत ने कहा कि राजधानी में जिस 83.50 लाख वर्गफीट सरकारी घास और दशकों से कब्जे की ज़मीन प्रदेश सरकार बेचकर शहर के विकास की बात कर रही है, वह दरअसल राजधानी के साथ एक छलावे से ज़्यादा कुछ नहीं है। प्रदेश सरकार महंगी सरकारी ज़मीन 30 फीसदी सस्ती दर पर बेचकर अपनी आय बढ़ाने की जो बात कर रही है, वस्तुत: वह भू-माफियाओं के शिकंजे में राजधानी को कसने की कवायद है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि आबादी पट्टे के नाम पर दशकों से क़ाबिज़ प्रदेश के ग़रीब व मध्यमवर्गीय परिवारों के साथ झाँसेबाजी करने वाली प्रदेश सरकार अतिक्रमण बताकर उनको लाखों रुपए जमा करने की नोटिस दे रही है। ज़ाहिर है कि वे लोग इतनी बड़ी रकम जमा नहीं कर पाएंगे। सरकार उस ज़मीन के साथ ही खाली पड़ी सरकारी घास ज़मीन को बेचकर अपनी बदनीयती और कुनीतियों के एजेंडे पर काम करने पर आमादा है और दशकों से क़ाबिज़ लोगों को बेदख़ल करके लाखों लोगों को बेघर करने जा रही है। श्री मूणत ने यह सवाल भी उठाया कि खाली पड़ी सरकारी घास ज़मीन प्रदेश सरकार बेच देगी तो भविष्य में जब सरकार को ज़रूरत पड़ी तो वह ज़मीन कहाँ से लाएगी? प्रदेश सरकार के इस फैसले को नितांत नासमझी भरा बताते हुए मूणत ने कहा कि प्रदेश सरकार के इस फैसले का भाजपा हर स्तर पर कड़ा विरोध करेगी और अदालत में प्रदेश सरकार को चुनौती भी देगी।