भुवनेश्वर। पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीकांत जेना ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की राज्यसभा उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की आलोचना की. इतना ही नहीं उन्होंने रेल मंत्री के रूप में उनके प्रदर्शन पर भी सवाल उठाया. जेना ने कहा कि अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा की पीठ में छुरा घोंपा है. Read More – अलर्ट : दो दिन तक प्रदेश के कई जिलों में आंधी चलने, बिजली गिरने की संभावना

उन्होंने कहा कि बीजद का निर्णय मेरे लिए आश्चर्य की बात थी. 2019 में सीएम नवीन ने कहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुरोध पर अश्विनी वैष्णव का समर्थन कर रहे हैं. इस साल बीजद की विज्ञप्ति में कहा गया है कि पार्टी ओडिशा के व्यापक हित के लिए उन्हें समर्थन दे रही है, खासकर रेलवे और दूरसंचार क्षेत्रों में यह दर्शाता है कि मोदी सत्ता में वापस आएंगे और वैष्णव फिर से मंत्री बनेंगे.

श्रीकांत जेना ने कहा, CM नवीन पटनायक की यह भविष्यवाणी स्पष्ट रूप से केंद्र और राज्य में आपसी सहयोग से सत्ता में बने रहने को लेकर भाजपा और बीजद के बीच किसी तरह की समझ का संकेत देती है. यह अनावश्यक रूप से भ्रम पैदा कर रहा है, खासकर भाजपा और बीजद कार्यकर्ताओं के बीच. उन्हें इस गुप्त समझौते को खुले तौर पर स्वीकार करना चाहिए और राज्य की राजनीति में स्पष्टता लानी चाहिए.

पूर्व मंत्री ने कहा कि ईस्ट कोस्ट रेलवे (ईसीओआर) का उद्घाटन 1996 में प्रधानमंत्री एचएच देवेगौड़ा ने किया था, जब जेबी पटनायक ओडिशा के मुख्यमंत्री थे. यह तीन डिवीजनों- वाल्टेयर, खुर्दा रोड और संबलपुर के साथ स्थापित किया गया था. हमने तब मांग की थी कि दक्षिण पूर्व रेलवे से एक और डिवीजन बनाया जाना चाहिए और इसमें सुंदरगढ़, क्योंझर, मयूरभंज और बालासोर को शामिल किया जाना चाहिए. केंद्र ने तब कहा था कि रेलवे जोन राज्य-केंद्रित नहीं हो सकते.

श्रीकांत जेना ने कहा, रेल मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद वैष्णव ने 2019 में ईसीओआर से वाल्टेयर डिवीजन के विभाजन के माध्यम से ओडिशा की पीठ में छुरा घोंपा. उन्होंने कहा कि इसे आंध्र के राज्य-केंद्रित क्षेत्र में शामिल किया गया था. ईसीओआर ने हर साल रेलवे के लिए 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का मुनाफा कमाया और अकेले वाल्टेयर डिवीजन ने इसमें 10,000 करोड़ रुपये का योगदान दिया. ईसीओआर को न केवल छोटा कर दिया गया बल्कि निष्क्रिय बना दिया गया. बालासोर में विभाजन की मांग भी सीएम के पत्र के बावजूद अनसुनी कर दी गई.