राजकुमार दुबे, भानुप्रतापपुर| प्रदेश भर में धान खरीदी की अव्यवस्था को लेकर किसानों में भारी नाराजगी देखी जा रही है. रकबा घटने, एग्रीटेक प्रणाली में त्रुटियां, खरीदी लिमिट तय होने और टोकन जारी न होने के कारण किसान अपनी उपज बेचने में असमर्थ हैं. हालात ऐसे बन गए हैं कि किसान तहसील कार्यालय, धान खरीदी केंद्र, पटवारी और लैंपस कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर हैं.


इसी कड़ी में भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता, पूर्व विधायक एवं पूर्व अनुसूचित जनजाति आयोग अध्यक्ष देवलाल दुग्गा किसानों की समस्याओं को लेकर दुर्गुकोंदल पहुंचे. उन्होंने तहसील कार्यालय दुर्गुकोंदल के सामने चटाई बिछाकर करीब दो घंटे तक धरना प्रदर्शन किया और शासन-प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए.
धरने के दौरान देवलाल दुग्गा ने कहा कि प्रदेश में धान खरीदी की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है. किसान परेशान हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. उन्होंने वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र सरकार की नीतियों की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि आज सबसे ज्यादा पीड़ित किसान वर्ग है.
पूर्व विधायक ने दावा किया कि वे स्वयं भी धान बेचने में परेशान हैं. उनका रकबा कम दिखाया जा रहा है, खसरा नंबर नहीं जुड़ पा रहा है और टोकन जारी नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि जब एक पूर्व विधायक और पूर्व आयोग अध्यक्ष की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है, तो आम किसानों की स्थिति का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है. उन्होंने आरोप लगाया कि शासन-प्रशासन किसानों की समस्याओं के प्रति पूरी तरह उदासीन बना हुआ है.
धरना समाप्त होने के बाद देवलाल दुग्गा अपने निवास लौट गए, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि यदि धान खरीदी व्यवस्था में शीघ्र सुधार नहीं हुआ, तो वे किसानों के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन करेंगे.
इधर, तहसीलदार कुलदीप ठाकुर ने बताया कि पूर्व विधायक देवलाल दुग्गा की पत्नी के धान रकबे की एग्री स्टिक प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन खसरा नंबर नहीं जुड़ने के कारण टोकन जारी नहीं हो पा रहा था. अब रकबा एग्री स्टिक में जुड़ गया है और शीघ्र ही टोकन जारी कर दिया जाएगा.
पूर्व विधायक देवलाल दुग्गा का धरना प्रदर्शन और उससे जुड़े वीडियो क्षेत्र में तेजी से वायरल हो रहे हैं.
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