रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह द्वारा छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को लेकर दिए गए बयान पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक रमेश वर्ल्यानी ने पलटवार किया है. वर्ल्यानी ने कहा है कि करोना और लॉकडाउन के कारण पूरे देश में आर्थिक गतिविधियां शून्य रही हैं. केंद्र की मोदी सरकार ने भी अपने बजट एलॉटमेंट में कटौती की है और नए कार्यों पर रोक लगाई है. दरअसल रमन सिंह का बयान छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ कम और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ ज्यादा है.

रमेश वर्ल्यानी ने कहा है कि 15 साल तक मुख्यमंत्री रहे डॉ रमन सिंह पहले अपने 15 साल के कार्यकाल का अवलोकन कर ले जो पूरी तरह से छलकपट, प्रपंच, कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी और धोखाधड़ी से सराबोर रहा है. डॉ रमन सिंह ने देश-विदेश के उद्योगपतियों के कार्यक्रमों में करोड़ों रुपए खर्च किए और अरबों रुपए के एमओयू करके छत्तीसगढ़ के बेरोजगार नौजवानों को रोजगार देने के सब्जबाग दिखाए लेकिन वह सारे एमओयू सिर्फ कागजों पर ही धरे रह गए. किसानों के साथ छल करने में भी रमन सिंह सरकार ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. अपने संकल्प पत्र में 2100 रुपए प्रति क्विंटल में किसानों की धान खरीदी का वादा कभी पूरा नहीं किया और 5 साल तक धान पर 300 रुपए बोनस भी नहीं दे पाए.

रमन सिंह को छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के साथ भाजपा सरकार के 15 साल में किए गए विश्वासघात की याद दिलाते हुए रमेश वर्ल्यानी ने कहा है कि इस धोखे के कारण ही आदिवासी अंचल में भाजपा को घोर पराजय का सामना करना पड़ा. 15 साल के भाजपा शासन काल में लाखों आदिवासी जमीन के पट्टों के अधिकार से वंचित किए गए और बस्तर में टाटा स्टील की जमीन आदिवासियों को लौटाने के बजाय रमन सिंह सरकार ने उसे लैंड पूल में रखकर अन्य किसी पूंजीपति घराने को सौंपने और उपकृत करने की साजिश रची, जिसे कांग्रेस की सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विफल किया.

वर्ल्यानी ने आगे कहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सत्ता संभालते ही किसानों का 11 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया. किसानों का धान 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की है. कांग्रेस सरकार के इन क्रांतिकारी फैसलों के परिणाम स्वरूप देशव्यापी आर्थिक मंदी की चपेट में आने से छत्तीसगढ़ का व्यापार व्यवसाय उद्योग धंधे बच गए, करोना काल में भी राजीव न्याय योजना के माध्यम से किसानों के खाते में धान खरीदी की अंतर राशि डालकर छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने का काम कांग्रेस की सरकार ने किया है. एक और टाटा स्टील के लिए ली गई जमीन आदिवासियों को लौटाई गई. वहीं आदिवासी अंचल की वनोपज को समर्थन मूल्य में खरीद कर तथा तेंदूपत्ता को ढाई हजार रुपए से बढ़ाकर 4000 रुपए प्रति मानक बोरा करके बस्तर सरगुजा के लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का काम कांग्रेस सरकार ने किया है.

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक रमेश वर्ल्यानी ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा लिए गए जन हितैषी कार्यों और राज्य के वित्त मंत्री के रूप में उनके कुशल आर्थिक प्रबंधन के कारण ही उन्हें देश में पहले 2 सर्वाधिक लोकप्रिय मुख्यमंत्रियों में शामिल किया गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बढ़ती लोकप्रियता से रमन सिंह बेचैन और परेशान है, जिसके चलते वे लगातार असत्य और भ्रामक बयानबाजी कर रहे हैं, लेकिन यह पब्लिक है जो सब जानती है.