नई दिल्ली. बार-बार समन जारी किए जाने के बावजूद उसके समक्ष उपस्थित नहीं होने को लेकर कोर्ट ने पूर्व विधायक रामबीर शौकीन को चार माह जेल की सजा सुनाई है.
हालांकि शौकीन को दिल्ली-एनसीआर में संगठित अपराध गिरोह चलाने से जुड़े एक मामले में बरी किया गया है. उन पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज था. राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल की अदालत ने शौकीन को सजा सुनाते हुए कहा कि यह प्रोबेशन पर रिहाई के लिए उपयुक्त मामला नहीं है. न्यायाधीश ने कहा कि दोषी को पूर्व में घोषित अपराधी करार दिया गया था. फिर उसे गिरफ्तार किया गया.
वह हिरासत से भागा तो उसे भगोड़ा घोषित किया गया. तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार कर दोषी रामबीर शौकीन को चार माह की साधारण कारावास की सजा सुनाना तर्कसंगत होगा. कोर्ट ने जेल में बिताई गई अवधि को लेकर शौकीन को रिहा कर दिया. पूर्व विधायक के खिलाफ और मामला लंबित नहीं है.
बता दें कि अभियोजन ने शौकीन के लिए तीन साल कैद की अधिकतम सजा मांगते हुए दावा किया था कि वह विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं व उन्हें अधिक जिम्मेदाराना व्यवहार करना था. वहीं, शौकीन की तरफ से वकीलों ने न्यूनतम सजा का अनुरोध करते हुए दावा किया कि मौजूदा मामले में उनके मुवक्किल को फंसाया गया है.