Arun Singh joins JDU: बिहार चुनाव को लेकर प्रदेश की सियासत पहले से और गर्म हो गई है। एनडीए और महागठबंधन में एक तरफ जहां सीट बंटवारे को लेकर खींचातानी मची हुई है। वहीं, दूसरी तरफ सियासी दल-बदल का खेल भी जारी है। दरअसल आज शनिवार (11 अक्टूबर) को जहानाबाद से पूर्व सांसद रहे अरुण सिंह सीएम नीतीश की पार्टी जदयू में शामिल हो गए।
अरुण सिंह के बेटे लड़ सकते हैं चुनाव
भूमिहार जाति से आने वाले अरुण सिंह के साथ उनके बेटे ऋतुराज सिंह भी जदयू में शामिल हुए हैं। जदयू अरुण सिंह के बेटे ऋतुराज के जहानाबाद के घोसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा सकती है। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, प्रदेश जदयू अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, मंत्री विजय चौधरी, अशोक चौधरी सहित अन्य वरिष्ठ जदयू नेता मौजूद रहें। अरुण सिंह और उनके बेटे के जदयू में शामिल होने से पार्टी को काफी मजबूती मिलेगी।
जहानाबाद में है अरुण कुमार का प्रभाव
बता दें कि अरुण कुमार जहानाबाद इलाके में बड़े प्रभावशाली नेता हैं। जेडीयू अरुण कुमार को शामिल जेडीयू एक तरह से राहुल शर्मा की काट निकालेगी। राहुल शर्मा जगदीश शर्मा के बेटे हैं, जिन्होंने कल शुक्रवार को ही पटना में तेजस्वी यादव की मौजूदगी में राजद में शामिल हुए। वहीं, अब जेडीयू अरुण कुमार को अपने खेमे में शामिल एक तरह से राहुल शर्मा की काट निकालने का प्रयास किया है।
जहानाबाद में है वर्चस्व की लड़ाई
जहानाबाद में भूमिहार वोट बैंक की लड़ाई है। ऐसा इसलिए क्योंकि जगदीश शर्मा का भी जहानाबाद इलाके में बड़ा प्रभाव माना जाता है। तेजस्वी यादव ने उनके बेटे को पार्टी में शामिल करके एक तरह से बड़ा झटका दिया है। तेजस्वी यादव की पूरी कोशिश यही है कि किसी भी तरह से जहानाबाद इलाके में पार्टी की पैठ को और मजबूत किया जाए और प्रभावशाली नेता को पार्टी में शामिल करके विपक्षी को कमजोर किया जाए, जिस बिरादरी से जगदीश शर्मा आते हैं उसी बिरादरी से अरुण सिंह भी आते हैं। ऐसे में इस बार के चुनाव में जहानाबाद में दोनों दलों के बीच वर्चस्व की लड़ाई देखने को मिल सकती है।
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