भोपाल। गोडसे भक्त बाबूलाल चौरसिया को कांग्रेस में शामिल करने के मामले में पार्टी अब अपने ही नेताओं के बीच घिरते जा रही है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव इस मामले में खुलकर सामने आ गए हैं। अरुण यादव ने अपना बयान जारी कर कहा कि महात्मा गांधी और गांधी विचारधारा के हत्यारे के खिलाफ मै खामोश नही बैठ सकता। 

उन्होंने साध्वी प्रज्ञा का उदाहरण देकर अपनी पार्टी के नेताओं को घेरने का प्रयास करते हुए सवाल किया, “यदि यही स्थिति रही तो आतंकवाद से जुडी भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर, जिसने गोडसे को देशभक्त बताया है, जिसे लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि मै प्रज्ञा ठाकुर को जिंदगीभर माफ नही कर सकता हूँ। यदि वो भविष्य में कांग्रेस में प्रवेश करेगी तो क्या कांग्रेस उसे स्वीकार करेगी?” इससे पहले कल उन्होंने ट्वीट कर कहा था, “बापू हम शर्मिन्दा हैं।”

मै आरआरएस विचारधारा को लेकर लाभ हानि की चिंता किये बगैर जबानी जंग नही, सड़कों पर लडता हूँ। मेरी आवाज कांग्रेस और गांधी विचारधारा को समर्पित एक सच्चे कांग्रेस कार्यकर्ता की आवाज है। जिस संघ कार्यालय में कभी तिरंगा नही लगता है वहां इंदौर के संघ कार्यालय (अर्चना) पर कार्यकर्ताओं के साथ जाकर मैने तिरंगा फहराया। देश के सारे बड़े नेता कहते है कि देश का पहला आतंकवादी नाथूराम गोडसे था। आज गोडसे की पूजा करने वाले की कांग्रेस में प्रवेश को लेकर वे सब खामोश क्यो है ?

यदि यही स्थिति रही तो आतंकवाद से जुडी भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर, जिसने गोडसे को देशभक्त बताया है, जिसे लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि मै प्रज्ञा ठाकुर को जिंदगीभर माफ नही कर सकता हूँ। यदि वो भविष्य में कांग्रेस में प्रवेश करेगी तो क्या कांग्रेस उसे स्वीकार करेगी?

अपनी ही सरकार में कमलनाथ ने इन्ही बाबूलाल चौरसिया और उनके सहयोगियों का ग्वालियर में गोडसे का मंदिर बनाने और पूजा करने के विरोध में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था। इन स्थितियों में जब संघ और पूरी भाजपा एकजुट होकर महात्मा गांधीजी, नेहरूजी और सरदार वल्लभभाई पटेल के चेहरे को षडयंत्रपूर्वक नई पीडी के सामने भददा करने की करने की कोशिश कर रही है। तब कांग्रेस की गांधी विचारधारा को समर्पित एक सच्चे सिपाही के नाते मै खामोश नही बैठ सकता हूँ। यह मेरा वैचारिक संघर्ष किसी व्यक्ति के खिलाफ नही होकर कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को समर्पित है। इसके लिए मै हर राजनीतिक क्षति सहने को तैयार हूँ।