Pranab Mukherjee daughter Sharmistha Mukherjee lashes On Congress: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Former President Pranab Mukherjee) की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी कांग्रेस आलाकमान पर जमकर भड़कीं है। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) के उस प्रस्ताव की आलोचना की है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक अलग स्मारक बनाने की मांग की गई है। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने एक्स पर एक बयान में दावा किया कि जब अगस्त 2020 में उनके पिता और पूर्व भारतीय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मृत्यु हुई थी, तो कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस कार्य समिति (CWC) द्वारा शोक सभा बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई थी। शर्मिष्ठा ने उस दौरान कांग्रेस नेतृत्व पर इस मुद्दे पर उन्हें गुमराह करने का भी आरोप लगाया।
शर्मिष्ठा के मुताबिक, कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने तब उनसे कहा था कि भारत के राष्ट्रपतियों के निधन पर पार्टी की कार्य समिति द्वारा शोक सभा बुलाने की परम्परा नहीं रही है। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस नेता के इस तर्क को पूरी तरह से बकवास बताते हुए यह भी दावा किया कि उन्हें अपने पिता की डायरियों से पता चला है कि एक और पूर्व भारतीय राष्ट्रपति के.आर नारायणन के निधन पर सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई गई थी और शोक संदेश का मसौदा किसी और ने नहीं बल्कि खुद उनके पिता प्रणब मुखर्जी ने तैयार किया था।
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पूर्व कांग्रेस नेता सी.आर. केसवन की एक अन्य पोस्ट का हवाला दिया है, जिसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया था कि कैसे कांग्रेस ने पार्टी के अन्य राजनेताओं की सिर्फ इसलिए उपेक्षा की क्योंकि वे ‘गांधी’ परिवार के सदस्य नहीं थे। शर्मिष्ठा ने इस मुद्दे पर, 2004 से 2009 तक डॉ. मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार और फाइनेंशियल एक्सप्रेस के पूर्व प्रधान संपादक डॉ. संजय बारू द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ के एक अध्याय का संदर्भ दिया। बारू ने अपनी किताब में उल्लेख किया है कि कैसे कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव के लिए दिल्ली में कभी कोई स्मारक नहीं बनाया, जिनका 2004 में निधन हुआ था।
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संजय बारू की किताब में यह भी बताया गया है कि 2004 से 2014 तक सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस ने कभी पी.वी. नरसिम्हा राव के लिए राष्ट्रीय राजधानी में स्मारक बनाने की पहल नहीं की। बारू ने अपनी किताब में यह भी दावा किया था कि कांग्रेस यह भी नहीं चाहती थी कि राव का अंतिम संस्कार उनके पैतृक स्थान हैदराबाद की जगह, नई दिल्ली में हो।
26 दिसंबर को हुआ था मनमोहन सिंह का निधन
बात दें कि अपने आर्थिक सुधारों के दम पर भारत की अर्थव्यवस्था को प्रगति के पथ पर अग्रसर करने वाले पूर्व वित्त मंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर की देर रात 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था ।पूर्व पीएम लंबे समय से बीमार थे। घर पर बेहोश होने के बाद उन्हें रात 8:06 बजे दिल्ली AIIMS लाया गया था। हॉस्पिटल बुलेटिन के मुताबिक, उन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था, जहां रात 9:51 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली थी। पूर्व पीएम के निधन पर भारत सरकार ने 7 दिन का राष्ट्रीय शोक (7 days of national mourning) घोषित किया है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को लिथा था पत्र
दरअसल कांग्रेस ने मोदी सरकार से पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक अलग स्मारक बनाने की मांग की गई है। इसके लिए बकायदा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को 27 सितंबर को एक चिट्ठी भी लिखी थी। पत्र में उन्होंने मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार वहीं कराने की मांग की थी, जहां स्मारक बनाया जा सके। हालांकि स्थान चयन नहीं होने के कारण फिलहाल पूर्व पीएम का अंतिम संस्कार नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर सुबह 11.45 बजे होगा।
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