पंजाब के पूर्व राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का शुक्रवार को महाराष्ट्र में उनके गृह नगर लातूर में निधन हो गया।

परिवार के सूत्रों ने बताया कि पाटिल कुछ समय से बीमार थे और उन्होंने अपने आवास पर ही अंतिम सांस ली। वह 90 वर्ष के थे। वह लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष थे और केंद्रीय मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार संभाल चुके थे। पाटिल ने लातूर लोकसभा सीट से सात बार जीत हासिल की थी।

आज सुबह हुआ निधन

सूचना के मुताबिक शिवराज पाटिल ने आज सुबह करीब 6:30 बजे अपने लातूर स्थित घर पर अंतिम सांस ली. कई दिनों से उनकी सेहत धीरे-धीरे बिगड़ती जा रही थी और परिवार के सदस्यों के साथ घर पर ही उनका इलाज चल रहा था. उनके परिजनों ने कहा कि उनके अचानक स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद चिकित्सकों की देख-रेख में उनका इलाज किया जा रहा था, लेकिन सुबह उनके निधन की खबर से सभी स्तब्ध हैं.

अंतिम संस्कार आज शाम लातूर में

परिजनों ने बताया कि उनका घर पर ही इलाज चल रहा था. परिवार के सदस्यों ने बताया कि उनकी मौत शांतिपूर्ण रही. वे इंदिरा और राजीव गांधी के करीबी माना जाता था. उनका अंतिम संस्कार आज शाम लातूर में ही होगा, जिसमें पार्टी के शीर्ष नेता शामिल होंगे.

राजनीतिक जीवन लंबा और विविधतापूर्ण

शिवराज पाटिल का राजनीतिक जीवन बेहद लंबा और विविधतापूर्ण रहा. वे लातुर लोकसभा क्षेत्र से 7 बार कांग्रेस पार्टी के सांसद रहे. वे वरिष्ठ नेता थे और उन्होंने देश की सेवा विभिन्न उच्च-पदों पर की. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री, लोकसभा स्पीकर और पंजाब के राज्यपाल जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया. उनके कार्यकाल में उन्होंने कई संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दों से निपटा, जिससे देश की आंतरिक सुरक्षा और लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने में योगदान मिला.