रामपुर. पूर्व सांसद और एक्ट्रेस जयाप्रदा गुरुवार को मुरादाबाद कोर्ट में हाजिर हुईं. तारीख पर नहीं आने की वजह से उनके खिलाफ कोर्ट से वारंट जारी हुआ था. कोर्ट में हाजिर होने के बाद जयाप्रदा ने कहा कि वक्त जरूर बदला है, लेकिन महिलाओं के लिए इंसाफ पाना अभी भी इतना आसान नहीं है. इसके लिए संघर्ष और इंतजार दोनों करने पड़ते हैं. जयाप्रदा ने कहा कि सीता मइया को भी 14 साल का इंतजार करना पड़ा था. जमाना बदल गया है, लेकिन महिलाओं के लिए सम्मान की लड़ाई लड़नी हो तो संघर्ष और इंतजार तो करना ही पड़ता है. लेकिन, मैं हार मानने वाली नहीं हूं. मेरे ऊपर अभद्र टिप्पणी करने वाले आजम खां के 6 चेलों, उनके बेटे अब्दुल्ला और मुरादाबाद के पूर्व सांसद एसटी हसन को ये सिखाकर रहूंगी कि महिलाओं का सम्मान कैसे किया जाता है.

बता दें कि एसटी हसन ने जयाप्रदा के लिए अभद्र टिप्पणी की थी. ये मामला 2019 का है. जयाप्रदा ने रामपुर से आजम खां के खिलाफ चुनाव लड़ा था. लेकिन वो चुनाव हार गई थीं. आजम खां चुनाव जीतकर सांसद बने थे. उसी वक्त मुरादाबाद से सपा की टिकट पर एसटी हसन भी सांसद बने थे. कहा जाता है कि हसन को आजम की वजह से ही मुरादाबाद से टिकट मिली थी. इसी वजह से जीत के बाद हसन ने आजम खां के स्वागत में एक कार्यक्रम रखा था. ये कार्यक्रम मुरादाबाद के कटघर इलाके की मुस्लिम डिग्री कॉलेज में हुआ था. जिसमें एसटी हसन ने जयाप्रदा को नाचने वाली कहा था. इसके अलावा उनके लिए तवायफ जैसे भद्दे शब्दों का इस्तेमाल किया था. इसके अलावा भी उन्होंने जयाप्रदा को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं. जब उनके इस बयान का वीडियो वायरल हुआ तो माफी मांगना तो दूर हसन ने अपनी बात को दोहराया था.

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मुरादाबाद पहुंची जयाप्रदा ने कहा कि वे इसलिए ये केस लड़ना चाहती हैं क्योंकि ये सिर्फ जयाप्रदा की बात नहीं है. महिलाओं का सम्मान करना सीखना चाहिए. जयाप्रदा ने कहा कि जिन लोगों ने आजम खान को खुश रखने के लिए हमारे ऊपर टिप्पणी किए हैं, डॉ. हसन जैसे लोग भी महिलाओं के लिए ऐसी टिप्पणी किए हैं तो इसलिए इनको सबक सीखाने के लिए मैं ये केस लड़ रही हैं.