शब्बीर अहमद/शिखिल ब्यौहार , भोपाल। कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ने के लिए डिप्टी कलेक्टर पद छोड़ने वाली निशा बांगरे अब फिर से सरकारी नौकरी करना चाह रही हैं। विधानसभा और लोकसभा चुनाव का टिकट न मिलने के बाद उनका राजनीति से अब मोह भंग हो गया है और अब उन्होंने शासन से अपना पद वापस मांगा है। सरकारी नौकरी में वापस आने के लिए उन्होंने मुख्य सचिव को पत्र लिखा है जिसमें इस बात का जिक्र किया है कि उन्हें डिप्टी कलेक्टर का पद वापस चाहिए।
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निशा बांगरे ने पत्र में लिखा कि त्याग-पत्र देने के बाद राष्ट्र एवं जनहित को ध्यान में रखते हुए आवेदिका ने विधानसभा चुनाव 2023 में प्रत्याशी के रूप में भाग लेने के लिए पुनः दिनांक 2/09/23 को त्याग-पत्र स्वीकार किए जाने हेतु आवेदन दिया किंतु त्याग-पत्र देनांक 23/10/23 को स्वीकार किया जाकर आवेदिका के वकील को आदेश 24/10/23 को अवकाश के दिन बुलाकर दिया गया और 26/10/23 को मेल के नाध्यम से त्याग-पत्र स्वीकार होने का आदेश आवेदिका को प्राप्त हुआ, जिस वजह से आवेदिका को शासकीय अवकाश होने से मात्र 02 दिवस (दिनांक 27/10/23 एवं 30/10/23) मिले थे जिसके कारण आवेदिका नामांकन पत्र के साथ जमा किए जाने वाले दस्तावेज (अदेयता प्रमाण-पत्र इत्यादि) नहीं जुटा पाई एवं नामांकन-पत्र नहीं भर पाई। जिस आधार पर त्याग पत्र स्वीकार किया गया था वह परिस्थिति बन नहीं पाई।
बता दें कि डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा देकर निशा बांगरे कांग्रेस में आई थी। विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव दोनो में निशा बांगरे को टिकट नहीं मिला। हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने उन्हें प्रवक्ता बनाया था। लेकिन अब दोबारा शासकीय सेवा में आने के लिए निशा ने आवेदन दिया है।
निशा बांगरे के सरकारी नौकरी की मांग करने के मामले पर अब प्रदेश में राजनीति शुरू हो गई है। बीजेपी ने कांग्रेस पर काम निकल जाने के बाद उन्हें साइड लाइन करने का आरोप लगाया है। वहीं कांग्रेस ने इसे उनका निजी फैसला बताया है। बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता सतेंद्र जैन ने कहा कि निशा के साथ कांग्रेस ने छल किया है। काम निकल जाने के बाद निशा को कांग्रेस में साइड लाइन किया गया। पहले टिकट का वादा किया, फिर सरकारी नौकरी भी छुड़वाई। इसके लिए कमलनाथ समेत जीतू पटवारी और प्रदेश संगठन जिम्मेदार हैं। नारी शक्ति का कांग्रेस ने फिर अपमान किया है। बीजेपी के लिए निशा मातृशक्ति की तरह है।
कांग्रेस मुख्य प्रवक्ता कुणाल चौधरी ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि बीजेपी इधर-उधर की बात कर रही है। निशा के साथ सड़कों पर भाजपा सरकार ने अभद्रता की थी। उन्हें घर के उद्घाटन तक में उद्घाटन नहीं करने दिया। बीजेपी की तानाशाह रवैया के चलते निशा ने इस्तीफा दिया था। निशा बांगरे दलित, पिछड़ों, आदिवासियों और महिलाओं की आवाज है। उन्होंने प्रदेश प्रवक्ता पद से अभी इस्तीफा नहीं दिया है। भाजपा सिर्फ आरोप लगाने का काम करती है।
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