नई दिल्ली- छत्तीसगढ़ के समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पुरूषोत्तम कौशिक को लोकसभा में आज श्रद्धांजलि नहीं दी गई. दरअसल हाल ही में 5 अक्टूबर को उनका निधन हुआ था. संसद की परंपरा के मुताबिक दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी जाती हैं, लेकिन संसद में आज जिन दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई, उनमें पुरूषोत्तम कौशिक का नाम शामिल नहीं था. आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ हैं. सत्र के पहले दिन दस दिवंगत सदस्यों को सदन ने श्रद्धांजलि दी.

मोरारजी देसाई और चौधरी चरण सिंह की सरकार में मंत्री रहे स्व. पुरूषोत्तम कौशिक रायपुर एवं दुर्ग संसदीय क्षेत्र से दो बार सांसद रहे हैं. छत्तीसगढ़ के बड़े समाजवादी नेता के रूप में पहचाने जाने वाले कौशिक का राज्य निर्माण आंदोलन में बड़ा योगदान रहा है. संसद में दिवंगत पुरूषोत्तम कौशिक को श्रद्धांजलि नहीं देने से राज्य के सांसदों ने नाराजगी भी जाहिर की. प्रदेश के सांसदों ने इसे लेकर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और लोकसभा महासचिव का ध्यान भी खींचा. महासचिव ने सांसदों से कहा कि छत्तीसगढ़ से इस संबंध में सूचना आई है या नहीं, इसकी मैं जानकारी जुटा लेती हूं. बताया जा रहा है कि दिवंगतों को श्रद्धांजलि देने के बाद संसद की दिवंगतों के सम्मान में जैसे ही संसद की पहले दिन की कार्यवाही खत्म हुई, वैसे ही प्रदेश के सांसद केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय, चंदूलाल साहू, विक्रम उसेंडी, बंशीलाल महतो समेत तमाम लोगों ने लोकसभा महासचिव से मुलाकात की.

इधर प्रदेश के सांसदों ने लल्लूराम डाॅट काम को बताया कि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा है कि ऐसी चूक नहीं होनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि जानकारी नहीं होने के कारण ही ऐसा हुआ है. मैं उन्हें अच्छे से जानती हूं. ये चूक कैसी हुई, मैं इसे पता करती हूं.