स्पोर्ट्स डेस्क. इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) आज दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग है. इसमें बड़े-बड़े खिलाड़ियों से लेकर मीडिया राइट्स के लिए भी करोड़ो रुपए की बोली लगती है. लेकिन, इस लीग के आने के बाद से भारतीय टीम ने एक भी आईसीसी टी20 विश्व कप (ICC T20 World Cup) नहीं जीत पाई है, बल्कि इसका विपरित असर टेस्ट क्रिकेट और खिलाड़ियों पर पड़ रहा है. आईसीसी खिताब जीतने में विफल हो रही भारतीय टीम को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है. विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (WTC Final) में हाल के मिली हार के बाद कई पूर्व क्रिकेटर कुछ फैसलों को लेकर टीम प्रबंधन पर कड़े सवाल खड़े कर रहे हैं. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) की चयन समिति पर अपनी राय देते हुए पूर्व महान बल्लेबाज दिलीप वेंगसरकर (Dilip Vengsarkar) ने कहा कि उनके पास न तो दृष्टि थी, न ही वे क्या कर रहे थे, इसका गहरा ज्ञान था.

वेंगसरकर ने 2021 में श्रीलंका के दौरे (India Tour of Sri Lanka) पर एक समानांतर सीरीज के लिए भारतीय टीम के कप्तान के रूप में शिखर धवन (Shikhar Dhawan) की नियुक्ति का उदाहरण दिया. उस समय अधिकांश सीनियर खिलाड़ी इंग्लैंड में थे. गौरतलब है कि वेंगसरकर ने यहां पिछले चयनकर्ताओं में विजन की कमी के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले 6-7 वर्षों में मैंने जिन चयनकर्ताओं को देखा है, उनके पास न तो कोई विजन है, न ही खेल या क्रिकेट की समझ के बारे में गहरी जानकारी है. उन्होंने धवन को भारत का कप्तान बनाया (जब दौरे ओवरलैप हुए और मुख्य खिलाड़ी अनुपलब्ध थे), यहां आप भविष्य के कप्तान को तैयार कर सकते हैं.

बता दें कि, वेंगसरकर ने चयनकर्ताओं द्वारा भारतीय टीम में कप्तान की भूमिका के लिए किसी को तैयार नहीं करने पर निराशा व्यक्त किया. उन्होंने बीसीसीआई पर भी कटाक्ष करते हुए यह सुझाव दिया कि सिर्फ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) होना ही काफी नहीं है. उन्होंने कहा कि आपने कप्तान के लिए किसी को तैयार नहीं किया है. आप बस आते हैं और खेलते है. आप दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड की बात करते हैं लेकिन बेंच स्ट्रेंथ कहां है. सिर्फ आईपीएल होना, मीडिया राइट्स में करोड़ों रुपए कमाना, यह एकमात्र उपलब्धि नहीं होनी चाहिए.

स्पोर्ट्स डेस्क. इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) आज दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग है. इसमें बड़े-बड़े खिलाड़ियों से लेकर मीडिया राइट्स के लिए भी करोड़ो रुपए की बोली लगती है. लेकिन, इस लीग के आने के बाद से भारतीय टीम ने एक भी आईसीसी टी20 विश्व कप (ICC T20 World Cup) नहीं जीत पाई है बल्कि इसका विपरित असर टेस्ट क्रिकेट और खिलाड़ियों पर पड़ रहा है. आईसीसी खिताब जीतने में विफल हो रही भारतीय टीम को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है. विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (WTC Final) में हाल के मिली हार के बाद कई पूर्व क्रिकेटर कुछ फैसलों को लेकर टीम प्रबंधन पर कड़े सवाल खड़े कर रहे हैं. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) की चयन समिति पर अपनी राय देते हुए पूर्व महान बल्लेबाज दिलीप वेंगसरकर (Dilip Vengsarkar) ने कहा कि उनके पास न तो दृष्टि थी, न ही वे क्या कर रहे थे, इसका गहरा ज्ञान था.

वेंगसरकर ने 2021 में श्रीलंका के दौरे (India Tour of Sri Lanka) पर एक समानांतर सीरीज के लिए भारतीय टीम के कप्तान के रूप में शिखर धवन (Shikhar Dhawan) की नियुक्ति का उदाहरण दिया. उस समय अधिकांश सीनियर खिलाड़ी इंग्लैंड में थे. गौरतलब है कि वेंगसरकर ने यहां पिछले चयनकर्ताओं में विजन की कमी के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले 6-7 वर्षों में मैंने जिन चयनकर्ताओं को देखा है, उनके पास न तो कोई विजन है, न ही खेल या क्रिकेट की समझ के बारे में गहरी जानकारी है. उन्होंने धवन को भारत का कप्तान बनाया (जब दौरे ओवरलैप हुए और मुख्य खिलाड़ी अनुपलब्ध थे), यहां आप भविष्य के कप्तान को तैयार कर सकते हैं.

बता दें कि, वेंगसरकर ने चयनकर्ताओं द्वारा भारतीय टीम में कप्तान की भूमिका के लिए किसी को तैयार नहीं करने पर निराशा व्यक्त किया. उन्होंने बीसीसीआई पर भी कटाक्ष करते हुए यह सुझाव दिया कि सिर्फ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) होना ही काफी नहीं है. उन्होंने कहा कि आपने कप्तान के लिए किसी को तैयार नहीं किया है. आप बस आते हैं और खेलते है. आप दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड की बात करते हैं लेकिन बेंच स्ट्रेंथ कहां है. सिर्फ आईपीएल होना, मीडिया राइट्स में करोड़ों रुपए कमाना, यह एकमात्र उपलब्धि नहीं होनी चाहिए.

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक 
English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें