नई दिल्ली. कुपोषण की समस्या से निजात पाने के लिए मोदी सरकार ने एक अहम निर्णय लिया है. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाले चावल को अब पोषणयुक्त बनाकर लोगों को दिया जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में मोदी कैबिनेट ने सभी सरकारी योजनाओं में अतिरिक्त पोषणयुक्त चावल (फोर्टिफाइड राइस) के वितरण करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) और अन्य योजनाओं के तहत तीन चरणों में पोषणयुक्त चावल का वितरण किया जाएगा.

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केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी मिली है. उन्होंने ये भी बताया कि इसके लिए आपूर्ति और वितरण के लिए भारतीय खाद्य निगम और राज्यों की एजेंसियों ने पहले की करीब 88.65 लाख टन अतिरिक्त पोषणयुक्त चावल खरीद लिया है.

सभी राज्यों में होगा लागू

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस योजना को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए लागू किया जाएगा. इसके साथ ही साल 2024 तक चरणबद्ध तरीके से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसको लागू किया जाएगा.

2700 करोड़ का आएगा खर्च

उन्होंने बताया कि इस योजना पर सालाना 2700 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. जिसे केंद्र सरकार वहन करेगी. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत मिलने वाले चावल को पोषणयुक्त बनाकर ही बेचा जाएगा.