रायपुर. छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग ने न्यू सर्किट हाउस में 18वां कार्यालय स्थापना दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम में सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक अनुज शर्मा, पुरंदर मिश्रा, मोतीलाल, सुनील सोनी शामिल हुए. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, छत्तीसगढ़ी में जो साहित्य पुस्तक लिखा जाएगा उनको अनुदान दिया जाएगा. छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ाने में पद्श्री स्व. सुरेंद्र दुबे का जो योगदान है उसे भुलाया नहीं जा सकता.

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, सुरेंद्र दुबे ने 40 देशों में घूम-घूम कर छत्तीसगढ़ी में कविता पाठ किया. देश में लाल किला से लेकर प्रधानमंत्री के आवास में भी उन्हें सुना गया. वैसे तो छत्तीसगढ़ी भाषा को आगे बढ़ाने में सभी का योगदान है. छत्तीसगढ़ी प्रेम, अपनापन, मया दुलार का भाषा है. हमें छत्तीसगढ़ी में बातचीत करने का संकल्प लेना चाहिए. साथ ही ये भी संकल्प लेना होगा कि हम हिंदी का विरोध नहीं करेंगे. सब देख रहे साउथ में क्या हो रहा है. जो अपनी संस्कृति, परंपरा, भाषा को भूल जाते हैं उसे दुनिया भी याद नहीं करती है.

उन्होंने कहा, अस्मिता को बचाने के लिए लड़ना होगा, साथ खड़े होना होगा. अपनी भाषा छत्तीसगढ़ी के लिए अभी बहुत काम करना है. अभी तक जितना काम हुआ है वह पर्याप्त नहीं है, इस काम से मैं ख़ुश नहीं हूं. आगे हम सभी को मिलकर काम करना होगा. हमारी सबसे बड़ी कमी है वह आठवीं अनुसूची में शामिल होने का है. केंद्र सरकार ने बहुत सारे दस्तावेज राज्य से मांगी है. आठवीं अनुसूची के लिए अलग-अलग दस्तावेज की आवश्यकता होती है.

राजभाषा आयोग के सचिव डॉक्टर अभिलाषा ने कहा, राजभाषा आयोग का तीन प्रमुख उद्देश्य है. प्राथमिक शिक्षा में छत्तीसगढ़ी भाषा को प्राथमिकता दी जाए. इसके लिए मुख्यमंत्री घोषणा कर चुके हैं. कामकाज में छत्तीसगढ़ी भाषा का प्रयोग हो, इसके लिए विभाग वाइस ट्रेनिंग दी जा रही है. 8वीं अनुसूची में छत्तीसगढ़ी भाषा को शामिल किया जाए, इसके लिए सभी प्रकार से प्रयास किया जा रहा है. कार्यक्रम में विधायक पुरंदर मिश्रा, सुनील सोनी, अनुज शर्मा, मोतीलाल साहू समेत बड़ी संख्या में साहित्यकार उपस्थित थे.