सोनभद्र. बिल्ली मारकुंडी में कृष्णा माइनिंग खदान में हादसे में अब तक 4 शव निकाले गए हैं. खदान में पत्थर ढहने से कुल 18 लोग दबे थे. अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. बचे शवों को निकालने के लिए बचाव कार्य जारी है. इस मामले में खनन माफिया मधुसूदन सिंह और दिलीप केशरी के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. घटना के बाद से ही दोनों खनन माफिया फरार हैं.
बताया जा रहा है कि कि इस खदान में रात-दिन अवैध खनन का काम चल रहा था. समय रहते कृष्णा माइनिंग खदान बंद नहीं की गई. ये खदान पूर्व खनन अधिकारी शैलेंद्र पटेल सिंडिकेट की बताई जा रही है. मधुसूदन सिंह और दिलीप केशरी अवैध खनन में शामिल थे. जब भी कोई अड़चन आती तो ये लोग करोड़ों की कमाई में से लाखों रुपये जुर्माना भरकर बचते रहे.
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बताया जा रहा है कि खदान 3 दिन बंद थी. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि यहां खनन कैसे हुआ? DM बद्रीनाथ सिंह, खनन विभाग हादसे के जिम्मेदार बताए जा रहे हैं. फिलहाल इस मामले में किसी जिम्मेदार अधिकारी पर अब तक एक्शन नहीं हुआ है. इस खदान की मई 2026 में लीज भी खत्म होनी थी. इसलिए ज्यादा से ज्यादा अवैध खनन कराया जा रहा था. इस खदान में MM-11 का भी भारी दुरुपयोग हुआ है.
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