लक्ष्मी कांत बंसोड • डौंडी– जिंदा लोगों को वेतन के लाले पड़ जाते हैं, लेकिन मृतक को चार महीने का भुगतान कर दिया गया. जब विभाग को इसकी खबर लगी तो आनन-फानन में वसूली के लिए पत्र जारी कर दिया. पत्र मिलते ही मृतक के पत्नी के होश होड़ गए. उनका कहना है कि हमने वेतन नहीं निकाले तो हमसे वसूली क्यों की जा रही हैं.

दरअसल, मामला बालोद जिले के डौंडी विकासखंड शिक्षा कार्यालय का है. ग्राम पेटेचुवा शासकीय प्राथमिक शाला में पदस्थ सहायक शिक्षक टीएलबी जीवनलाल साहू का 19 अक्टूबर 2018 को बालोद जिला के गृह ग्राम जगन्नाथपुर में निधन हो गया. इसकी सूचना शाला के प्राचार्य ने बीईओ कार्यालय डौंडी को दिया गया. जहां वेतन भुगतान जोड़ने वाले बाबू ने इस सूचना को अपने रिकार्ड में जोड़ लिया. मृत्यु के बाद उक्त शिक्षक परिवार को केवल 19 दिनों का वेतन भुगतान दिया जाना था. लेकिन सहायक शिक्षक जीवनलाल साहू को मृत्यु के बाद भी अक्टूबर 2018 से जनवरी 2019 तक निरंतर वेतन भुगतान विभाग के जिम्मेदारों ने बड़ी लापरवाही के साथ कर दिया.

इस मामले का खुलासा तब हुआ जब स्वर्गीय जीवन लाल साहू के नाम से वेतन भुगतान की जानकारी होने पर किसी ने शिकायत की. तब आनन-फानन में अपनी गैरजिम्मेदराना कार्य का बचाव करने विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी आरआर ठाकुर ने स्वर्गीय जीवनलाल की पत्नी पूर्णिमा बाई साहू को विभाग से क्रमांक 414 प्रति जारी कर चार महीने की अधिक वेतन भुगतान की राशि 78052.00 को चालान के माध्यम जमा करने का फरमान भेजा गया.

पूर्णिमा बाई साहू ने बताया कि सितंबर माह के 19 दिन का वेतन 19513 रुपए होता है, लेकिन चार महीने से अधिक का वेतन 78052 रुपए हो रहा है. मतलब यह वेतन चार महीने तक किसके लापरवाही से प्रदाय किया जाता रहा. इसी कड़ी को जानने लल्लूराम डॉट कॉम के संवाददाता ने संबंधित शाला में जानकारी लेने बीईओ कार्यालय डौंडी के बाबू से जानकारी लेने पहुंचा. इस मामले में बाबू ने गोलमोल जवाब देकर बीईओ से जानकारी लेने की बात कही. बीईओ से जानकारी चाहने पर वे मामले पर तमतमा गए और कुछ भी जानकारी देने से मना कर दिया.