नई दिल्ली/भोपाल। देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर भारत सरकार ने एक बार फिर जमीनी स्तर पर बदलाव लाने वाले ग्रामीण नेताओं को सम्मानित करने की परंपरा को आगे बढ़ाया है। इस वर्ष 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 85 सरपंचों को नई दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। इसमें मध्य प्रदेश के चार ग्राम पंचायतों के सरपंच भी शामिल हैं, जो स्वच्छता, सुरक्षित जल आपूर्ति, महिला नेतृत्व और सतत विकास के आदर्श उदाहरण बन चुके हैं।
मिसाल पेश करते
ये चारों सरपंच उन पंचायतों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिन्हें स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (SBM-G) के तहत ODF प्लस और जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल प्रमाणित किया गया है। इनके गांव न केवल स्वच्छता और पेयजल व्यवस्था के मॉडल हैं, बल्कि सामुदायिक नेतृत्व, महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी मिसाल पेश करते हैं।
सबसे कम उम्र की सरपंच – लक्षिका डागर
21 वर्षीय लक्षिका डागर, उज्जैन जिले के चिंतामन जवासिया के पटेल मोहल्ला की सरपंच, मध्य प्रदेश की सबसे कम उम्र की निर्वाचित सरपंच हैं। सिर्फ दो साल में उन्होंने पंचायत को ODF प्लस प्रमाणन दिलाया, ठोस कचरा प्रबंधन की व्यवस्था की, नई जल निकासी प्रणाली, सामुदायिक सोक पिट और घर-घर कचरा संग्रह की सुविधा शुरू कराई।
स्वच्छता में नवाचार – आरती पटेल
धार जिले की तिरला ग्राम पंचायत की सरपंच आरती पटेल ने पंचायत स्तर पर डीजल चालित वाहन की व्यवस्था कर घर-घर कचरा संग्रह की शुरुआत की। इससे न केवल नियमित कचरा निपटान संभव हुआ, बल्कि ग्रामीणों में कचरा अलग करने और जिम्मेदार निपटान की आदत भी विकसित हुई। उनके काम को देखते हुए उन्हें 2023–24 में जिला स्तरीय स्वच्छता प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया।
डिजिटल पंचायत और ISO प्रमाणन – नीतू परिहार
ग्वालियर की पुरा बनवार ग्राम पंचायत की सरपंच नीतू परिहार ने 15 नेडेप गड्ढे, 10 सोक पिट और 2,300 मीटर ढकी हुई नालियों का निर्माण करवाया। पंचायत ने ODF प्लस का दर्जा हासिल किया, हर घर जल योजना को सफल बनाया और पंचायत का पूर्ण डिजिटलाइजेशन करते हुए ISO प्रमाणन भी हासिल किया। उन्हें 2023 में भारत की राष्ट्रपति द्वारा स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान प्रदान किया गया।
जुगाड़ स्वच्छता पार्क की पहल – कविता धुर्वे
छिंदवाड़ा की ग्राम पंचायत की सरपंच कविता धुर्वे ने SBM-G के पहले चरण से ही सक्रिय नेतृत्व किया। उन्होंने 100% शौचालय निर्माण सुनिश्चित किया, रोजाना कचरा अलग करने और संग्रह की व्यवस्था शुरू की तथा रीसायकल सामग्री से जुगाड़ स्वच्छता पार्क बनाया। गांव में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लागू किया और कपड़े के थैले घर-घर वितरित किए। हर घर नल जल योजना के तहत नियमित जल आपूर्ति सुनिश्चित की।
अहम योगदान दे सकते हैं
इन चारों सरपंचों की लाल किले पर मौजूदगी ग्रामीण भारत में समुदाय आधारित परिवर्तन और महिला नेतृत्व की शक्ति को दर्शाती है। स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण और जल जीवन मिशन के तहत उनकी उपलब्धियां बताती हैं कि गांव भी गरिमा, नवाचार और सतत विकास के साथ राष्ट्रीय प्रगति में अहम योगदान दे सकते हैं।
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