जशपुर- दिल में जुनून और कुछ कर गुजरने का मजबूत इरादा. शायद यही वो बात थी जिसने जशपुर को आज यशपुर के रूप में पहचान दी है. छत्तीसगढ़ की राजधानी से कोसों मील दूर उत्तरी हिस्से में बसा है जशपुर. एक वक्त था, जब जशपुर में नाउम्मीदी थी. जिंदगी बेतरतीब थी, ना तो ख्वाहिशें थी और ना ही कुछ कर गुजरने का जज्बा, लेकिन एक दशक बाद अब हालात बदल गए हैं. जिंदगी नई आशाओं के साथ खिलखिलाती नजर आ रही है. इस खिलखिलाहट को बेहद करीब से समझना हो, तो दसवीं बोर्ड के नतीजें देखिए. छत्तीसगढ़ बोर्ड की हुई दसवीं की परीक्षा के आज जारी नतीजों में कभी बेहद ही पिछड़ा जिला कहलाने वाला जशपुर ऐसी सुर्खिया बटोर रहा है, जिसकी कल्पना शायद किसी ने नहीं की थी. दसवीं बोर्ड परीक्षा के जारी नतीजों में मेरिट सूची में जशपुर जिले के चार छात्रों ने स्थान बनाया है. इन्हीं में शामिल हैं यज्ञेश सिंंह चौहान, जिन्होंने दसवीं बोर्ड परीक्षा की मेरिट सूची में पहला स्थान कायम किया है. यज्ञेश की इस उपलब्धि से गदगद मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह भी खुद को रोक नहीं सके और उन्होंने नतीजों का ऐलान होते ही यज्ञेश को फोन कर बधाई दी.
यज्ञेश चौहान के पिता दिलीप चौहान और माता मधुमती चौहान दोनों पेशे से शिक्षक हैं. पढ़ाई लिखाई का बेहतर माहौल तो घर पर मिला ही, लेकिन कभी पिछड़ा जिला रहा और आज देश और दुनिया की आंखों में आंखे मिलाकर चलने वाले जशपुर जिले के यज्ञेश ने इसकी कल्पना नहीं की थी कि उनका नाम मेरिट सूची में पहले पायदान पर आएगा. यज्ञेश कहते हैं कि उनकी इस सफलता का पहला हकदार कोई है, तो वह है संकल्प कोचिंग. वहीं संकल्प कोचिंग जिसकी शुरूआत जशपुर की कलेक्टर डाॅ. प्रियंका शुक्ला ने की थी. संकल्प कोचिंग की ही महेश्वरी साय, प्रकाश कश्यप और आदर्श महतो ने भी मेरिट सूची में अपना नाम दर्ज कराया है. मेरिट सूची में स्थान पाने वाले यज्ञेश की उपलब्धि पर माता-पिता के बाद यदि कोई सर्वाधिक खुश है, तो वह खुद जिले की कलेक्टर डाॅ.प्रियंका शुक्ला ही है. यही वजह है कि नतीजे घोषित होने के बाद यज्ञेश की इस खुशी में वह भी शामिल हुई. लल्लूराम डाॅट काम से हुई खास बातचीत में जशपुर कलेक्टर डाॅ. प्रियंका शुक्ला ने कहा कि-
यह पल मुझे गौरवान्वित करने वाला है. हमारी कोशिश होगी कि संकल्प के जरिए जशपुर के छात्र अपना बेहतर करियर बना सके. अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकें और सही मायने में जशपुर को यशपुर के रूप में नई पहचान दे सकें.
ऐसा पहली मर्तबा नहीं हुआ है जब जशपुर के बच्चों ने कीर्तिमान रचा हो. हाल ही में जेईई मेंस के जारी नतीजों में भी जशपुर ने बाजी मारी है. जशपुर के 70 बच्चों ने बेहद ही प्रतिष्ठापूर्ण मानी जाने वाली परीक्षा में सफलता अर्जित की है. खास बात यह है कि इनमें से 34 लड़कियां हैं.