दुर्ग. चार पहिया वाहन की लगातार सामने आ रही घटनाओं को देखते हुए दुर्ग पुलिस की पड़ताल में अंतरराज्यीय चार पहिया वाहन गिरोह का भंड़ाफोड़ हुआ है. पकड़े गए आरोपियों ने बीते तीन सालों के दौरान छत्तीसगढ़ सहित महाराष्ट्र, बिहार से करीबन एक करोड़ की कीमत के चार पहिया वाहनों को चोरी करना कबूल किया है.
दुर्ग रेंज में चोरी गए करीब दर्जन भर सुमो, बोलेरो, पिकअप वाहनों के संबंध में पुलिस टीम की जांच में पता चला कि भिलाई सेक्टर 5 निवासी सतवीर सिंह उर्फ सोनू टाटा लाइन केम्प 2 निवासी अपने साथी हरदीप सिंह के साथ दुर्ग, बेमेतरा, बालोद, कवर्धा, धमतरी आदि जिलों में घर के बाहर खड़े सुमो, बोलेरो, पिकअप सहित अन्य चार पहिया वाहनों की रैकी कर चोरी करते थे. इसमें वाहनों की चाबी बनाने में भिलाई सेक्टर 6 ए मार्केट में ताला चाबी बनाने वाले इम्तियाज आलम से मदद लेते थे.
चोरी के वाहनों को सतबीर रायपुर निवासी विरेन्द्र उर्फ बिटटू सिंह के माध्यम से आरा, बिहार निवासी के मंजी उर्फ मंजीत सिंह को बेच देता था. मंजी इन वाहनों को बक्सर निवासी अजीत सिंह को बेचता था. जिसे वह गांजा तस्करी के लिए स्थानीय मैकेनिक के पास मॉडीफिकेशन कराकर वाहनों का रजिस्ट्रेशन यूपी व बिहार के नंबरों पर करवाता था. फिर अपने ड्राइवरों के माध्यमों से ओडिसा से गांजा की तस्करी करवाता था.
ऐसी ही तस्करी के दौरान ये ड्राइवर बेमेतरा से चोरी गई बोलेरो में पकड़े गये. जिसके बाद की गई पड़ताल में पता चला कि अजीत सिंह का गांजा तस्करी का रैकेट पूरे उत्तर भारत में संचालित करता है. जिसके माध्यम से अजीत सिंह, मंजीत सिंह और सतबीर सिंह तक पहुंची और उनसे वाहनों की बरामदगी की. आरोपियों को न्यायालय में प्रस्तुत कर रिमांड हासिल किया. इस कार्रवाई में एसडीओपी (पाटन) राजीव शर्मा के नेतृत्व में सउनि चन्द्रशेखर सोनी, प्रआर राजेशमणी, जसपाल सिंह, आरक्षक बीवी नारायण, जगजीत सिंह, राजकुमार चंद्रा, प्रदीप सिंह, विरेन्द्र सिंह शामिल थे.