श्रावण माह के चौथे सोमवार को मध्यप्रदेश के शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का जलाभिषेक कर पुण्य लाम कमाया। इस दौरान मंदिरों में हर हर महादेव के जमकारे गूंजते रहे।
अनिल सक्सेना, रायसेन। विश्व प्रसिद्ध विशाल शिवलिंग मंदिर भोजपुर में सुबह 7 बजे से भक्तों का मेला लगा। लाखों की संख्या में भक्तों ने शिव जी का अभिषेक किया। प्रशासन और पुरातत्व विभाग की ओर से दर्शन पूजन के लिए पुख्ता इंतिजाम किए गए। 10 वीं शताब्दी का प्राचीन और राजा भोज के समय का विश्व का सबसे बड़ा विशाल शिवलिंग मन्दिर हैं।
भोजपुर और उसके आसपास के पर्यटक स्थल भोजेश्वर मंदिर को पूर्व के सोमनाथ के नाम से भी जाना जाता है, जो भारत की अद्भुत संरचनाओं वाली इमारतों में से एक है। ‘अधूरा’ होने का तथ्य ही इस प्राचीन शहर को अनूठी गुणवत्ता प्रदान करता है। उन चट्टानी खदानों में जाना बहुत ही रोमांचकारी होता है जहां आप हाथ से तराशे गए पत्थर के मूर्ति शिल्प को देख सकते हैं जो कभी एक पूरे मंदिर या महल का रूप नहीं ले पाए। हर दूसरे ऐतिहासिक पर्यटन स्थल पर आप प्राचीन शहर के खंडहरों का निरीक्षण कर सकते हैं पर यहां वास्तव में वो शहर है जो कभी पूरा ही नहीं किया गया।
तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
इमरान खान, खंडवा। मध्यप्रदेश की तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में भी श्रावण के चौथे सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। द्वादश ज्योतिर्लिंग स्रोत के अनुसार बारह ज्योतिर्लिंगों में ओंकारेश्वर तथा ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग का संयुक्त रूप से चतुर्थ स्थान है। पुण्य सलिला मां नर्मदा से घिरे ॐ आकार के पर्वत पर बना यह अतिप्राचीन मंदिर भगवान शिव तथा माता पार्वती का शयन स्थान माना जाता है। आज सुबह से ही पूजा-अर्चान का दौर जारी रहा। सुबह मां नर्मदा में स्नान कर श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ का दर्शन कर रहे हैं।
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