रायपुर। जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का राजधानी पुलिस ने पर्दाफाश किया है. पुलिस ने मामले में कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक महिला भी शामिल है. इन आरोपियों ने 30 करोड़ की जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उसे महज 3 करोड़ में बेचने का सौदा कर लिया और पीड़ित से 10 लाख रुपए भी ठग लिये. यह मामला आमानाका थाना क्षेत्र का है.

जानकारी के अनुसार, चंदनडीह स्थित भूमि की मूल स्वामी मंजु देवी अग्रवाल के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर एक अन्य महिला को नकली स्वामी बनाकर 4 एकड़ जमीन, जिसकी वर्तमान बाजार कीमत 30 करोड़ रुपये है, उस जमीन का मात्र 3 करोड़ रुपये में बेचने का सौदा किया गया. इस प्रक्रिया में आरोपियों ने प्रार्थी गणेश बोले, निवासी बिलासपुर से 10 लाख रुपये की बयाना राशि प्राप्त कर धोखाधड़ी की. जिसको लेकर आमानाका थाना में फर्जी दस्तावेज बनाने और कूट रचना के आरोप में अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरू की गई.

जांच के दौरान पता चला कि फर्जी भूमि स्वामी का किरदार निभाने वाली महिला गरियाबंद की निवासी है. उसे आरोपी हारे सिन्हा ने नकली मंजु देवी अग्रवाल बनाकर विक्रय दस्तावेज तैयार कराया. इस जालसाजी में अन्य आरोपी हरि शंकर सिन्हा, चेतना ठाकुर, अमित शर्मा, नरेन्द्र राजपूत, अरुण कुमार सरोज, रूपेश धनकर उर्फ राजा सिंह, प्रकाश यादव, और अमन वर्मा उर्फ युगल किशोर देवांगन शामिल थे. सभी आरोपियों ने मिलकर 30 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन को 3 करोड़ रुपये में बेचने का सौदा किया और फर्जी विक्रयनामा तैयार किया. पुलिस ने सभी आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ की, साक्ष्य जुटाए और सभी को गिरफ्तार कर लिया.

आरोपियों के नाम और भूमिका

चेतना ठाकुर – फर्जी भूस्वामी के रूप में पेश की गई.
हरीशंकर सिन्हा और अमन वर्मा – चेतना को फर्जी भूस्वामी बनाने के लिए तैयार किया.
रूपेश धनकर और प्रकाश यादव – खरीदारों की तलाश और सौदा तय करने में शामिल.
अमित कुमार – दस्तावेजों को फर्जी बनाने में मुख्य भूमिका.
अरुण कुमार सरोज – असली भूस्वामी के दस्तावेज जुटाए.
राकेश कंसारी – फर्जी दस्तावेज तैयार किए.
नरेंद्र राजपूत – फर्जीवाड़े का योजना संचालक.