रायपुर। भुइयां पोर्टल के जरिए ऑनलाइन राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी के एक बड़े मामले का पुलिस ने खुलासा किया है. इस मामले में पटवारी की मिलीभगत से शासकीय और निजी भूमि को अवैध तरीके से दर्ज किए जाने का आरोप सामने आया है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी के साथ एक पटवारी को गिरफ्तार किया है. मामला सामने आने के बाद प्रशासनिक और राजस्व महकमे में हड़कंप मच गया है.


पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, पस्ता थाना क्षेत्र में आने वाले कोटडीह, भेंडरी, परसवार खुर्द, कराडीह और पकराडीह गांवों में करीब 70 एकड़ भूमि के रिकॉर्ड में हेराफेरी की गई. आरोप है कि इस भूमि को शासकीय और किसानों के नाम दर्ज होने के बावजूद, भुइयां पोर्टल के माध्यम से फर्जी तरीके से एक ही परिवार के सदस्यों के नाम चढ़ा दिया गया. इस पूरे फर्जीवाड़े में पटवारी की आईडी का इस्तेमाल किया गया.
बताया जा रहा है कि आरोपियों ने पटवारी के साथ मिलकर भूमि समितियों में अवैध धान खपाने के उद्देश्य से ऑनलाइन राजस्व रिकॉर्ड में अपने और अपने परिजनों के नाम जोड़ दिए. यह मामला तब उजागर हुआ जब गांव के सरपंच ने खरीदी केंद्र पहुंचकर दस्तावेजों की जांच कराई. जांच के दौरान रिकॉर्ड में गड़बड़ी सामने आई, जिसके बाद अन्य सरपंचों को भी इसकी जानकारी दी गई.
इसके बाद पूरे मामले की शिकायत तहसीलदार से की गई. जांच में यह पुष्टि हुई कि मैन्युअल राजस्व रिकॉर्ड में किसी प्रकार का संशोधन आदेश मौजूद नहीं था, इसके बावजूद ऑनलाइन रिकॉर्ड में बदलाव किया गया था. जांच में यह भी सामने आया कि पटवारी आईडी से संबंधित आरोपी वीरेंद्र गुप्ता और उसके परिवार के सदस्यों के नाम राजस्व रिकॉर्ड में जोड़े गए थे.
वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम ने संबंधित पटवारी अजीत टोप्पो को निलंबित कर दिया था. अब पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर विस्तृत जांच के बाद पटवारी और मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
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