शरद पाठक, छिंदवाड़ा। ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड के मामले तो आए दिन सामने आते रहते हैं परंतु अब बैंकिंग फ्रॉड का एक नया तरीका भी सामने आया है। छिंदवाड़ा में नागपुर नागरिक सहकारी बैंक द्वारा खाताधारकों के नाम पर फर्जी लोन दिखाकर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। नगर निगम के कर्मचारियों के साथ बैंक द्वारा करोड़ों रुपए का फर्जी कर्ज दिखाकर गोलमाल किया गया है।

बैंक ने देवेंद्र कंडेरे पर करीब एक करोड़ 89 लाख रुपए का कर्ज और गारंटी देना बताया जा रहा है। जिसमें से करीब एक करोड़ 17 लाख रुपए उसे देना अभी बाकी है। बैंक के रिकॉर्ड के मुताबिक उसे कुल 31 लोन लिए हैं। इसके अलावा भी निगम के ही दो अन्य कर्मचारियों के नाम पर भी लाखों रुपए के लोन दर्शाए जा रहे हैं जो उन्होंने लिए ही नहीं है। ग्राहक को इसकी कोई जानकारी नहीं और ना ही उनके खाते में पैसे आए हैं। पीड़ितों से लोन के पेपर में दस्तखत नहीं करवाए गए हैं। इस मामले की की शिकायत पीड़ितों ने पुलिस और प्रशासन से की है।

छिंदवाड़ा नगर निगम के कर्मचारी देवेंद्र कंडेरे ने बताया कि उनका वेतन नागपुर नागरिक सहकारी बैंक में आता था। वहां से उन्होंने पांच बार लोन लिया और उसे समय पर चुकाया भी। छठवां लोन उनका जारी है लेकिन बैंक में एटीएम और दूसरी ऑनलाइन सुविधा नहीं होने की वजह से उन्होंने अपना एक अकाउंट भारतीय स्टेट बैंक में ट्रांसफर करवा लिया। जब भारतीय स्टेट बैंक के द्वारा उनका स्लीप चेक किया गया तो उनके ऊपर 1 करोड़ 17 लाख 32,710 रुपए का कर्ज दिखाया जा रहा है। खास बात यह है कि करीब 18 हजार महीने का वेतन पाने वाले सुपरवाइजर को करोड़ों रुपए का लोन फर्जी तरीके से दे कैसे दिया गया?

बैंक अधिकारी इस संबंध में कुछ कहने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि हमारा मुख्यालय नागपुर में है, जो भी कार्रवाई होगी नागपुर से होती है। इसलिए नागपुर में जाकर इसकी शिकायत करना होगी। यह फर्जीवाड़ा इस ब्रांच में कैसे हो गया इस बारे में कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। छिंदवाड़ा एसपी विवेक अग्रवाल ने कहा कि शिकायत आई है और वे इस मामले की जांच कराएंगे। दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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