अनिल सक्सेना, रायसेन। मध्यप्रदेश का अन्नदाता खून- पसीने से फसल पैदा करता है। अन्नदाता (किसान) की मेहनत की कमाई (अनाज) को व्यापारी ने लालच देकर खरीद लिया लगभग दो करोड़ का भुगतान नहीं किया। मामला जिले की उदयपुरा कृषि उपज मंडी का है। किसानों से राज ट्रेडर्स द्वारा धोखाधड़ी की गई है।

जानकारी के अनुसार उदयपुरा में कृषि उपज मंडी के व्यापारी ने आधा दर्जन गांव के 80 से अधिक किसानों की उपज उनके घरों से खरीदी की और भुगतान नहीं किया। उदयपुरा तहसील के ग्राम रौसरा, शाहपुरा, धौलपुर, बेरसला, पिपरिया सहित 80 से अधिक किसानों से अप्रेल -मई में मंडी व्यापारी रामस्वरूप शिल्पी ने खरीदी की। किसानों ने बताया कि व्यापारी ने मंडी में जगह नहीं होने का हवाला देकर उनके घरों से चना, गेंहू, मसूर, मूंग और धान की खरीदी कीभुगतान नहीं होने पर किसानों ने 4 अगस्त को उदयपुरा थाने में शिकायत कर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था।

शाहपुरा निवासी राजपाल राजपूत ने बताया कि उनके भतीजे की शादी 9 मई को थी। घर गेहूं से भरा था। अनाज व्यापारी रामस्वरूप शिल्पी को 195 क्विंटल गेहूं घर से तौलवा दिया। उस समय गेहूं का मूल्य 2250 रुपए प्रति क्विंटल था। अनाज व्यापारी ने चेक भी दिए लेकिन अभी तक तीन लाख 99 हजार 750 प्राप्त नहीं हुए हैं।ओमप्रकाश राजपूत के बताया कि 3 एकड़ की खेत में 22 क्विंटल चने की उपज हुई थी। उन्होंने पूरा 22 क्विंटल चना अनाज व्यापारी को बेच दिए। 6 महीने पहले किसान के बेटे की मौत हो गई लेकिन उन्हें अनाज व्यापारी से चने की राशि आज तक नहीं मिली है। इस तरह कुल मिलाकर 80 किसानों से 1774 क्विंटल चना, 1090 क्विंटल तुवर, 464 क्विंटल धान, 303 क्विंटल मसूर, 251 क्विंटल गेंहू और 173 क्विटल मूंग खरीदी गई थी। कुल 2 करोड़ 16 लाख 33, 500 रुपये का अनाज किसानों से मंडी व्यापारी ने खरीदा था।

किसानों ने शासन-प्रशासन से अनाज की कीमत दिलाने की मांग की है। किसानों ने यह भी बताया कि राज ट्रेडर्स के संचालक रामस्वरूप शिल्पी के पोर्टल में अभी भी जो फसल खरीदी गई थी वह रजिस्टर्ड हैं। वहीं मंडी प्रबंधन द्वारा बताया गया कि उसकी आईडी को बंद कर दिया गया है। इस मामले में मंडी सचिव रश्मि वर्मा ने बताया कि किसानों ने अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए अपनी फसल को घर से बेच दिया है, जिसमें उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। किसान की फसल मंडी के अंदर आती है तब जिम्मेदारी मंडी प्रबंधन की होती है। किसानों द्वारा मुख्यमंत्री, कलेक्टर और मंडी प्रबंधन को आवेदन दिया जा चुका है मामले में पुलिस ने व्यापारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

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