केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने आज डिजिटल करेंसी पोंजी स्किम में अलग-अलग मॉड्यूल संचालित करने वाले 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जांच एजेंसी ने सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 10 जगहों पर छापेमार कार्रवाई की है. जिसमें 34 लाख नगदी, बड़ी संख्या में अमेरिकी डॉलर्स कई आपत्तिजनक दस्तावेज सहित महत्वपूर्ण डिजिटल साक्ष्य बरमाद किए गए. स्किम में 350 करोड़ रुपये से अधिक के क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर उच्च रिटर्न का वादा किया गया था. 

छापे में क्या-क्या पकड़ाया ?

दिल्ली, झारखंड, पंजाब, मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु एवं राजस्थान सहित सात राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 10 स्थानों पर सीबीआई नेदबिश दी. जहां से 34.2 लाख रुपये की नकदी के साथ ही सात मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, एक टैबलेट,तीन हार्ड डिस्क, 10 पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड, सिम कार्ड, एटीएम/डेबिट कार्ड एवं कई आपत्तिजनक दस्तावेज सहित महत्वपूर्ण डिजिटल साक्ष्य भी बरामद किया गया. वहीं आरोपी व्यक्तियों के क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में कुल 38,414 अमेरिकी डॉलर (लगभग) की डिजिटल वर्चुअल संपत्ति जब्त की गई. 

आरोपियों के खिलाफ एक्शन 

सात आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, धारा 120 बी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 डी के तहत मामला दर्ज किया गया है. सभी आरोपी दिल्ली, हजारीबाग, बठिंडा, रतलाम, वलसाड, पुदुक्कोट्टई, चित्तौड़गढ़ शहरों के निवासी हैं. बैंक खातों के लेन-देन एवं क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट के विश्लेषण से पता चला कि इन स्कीमों से प्राप्त अवैध पैसों को क्रिप्टोकरेंसी में बदला जा रहा, जिससे उसके स्रोत को छिपाया जा सके. 

सोशल मीडिया पर देते थे झांसा 

मामले में गिरफ्तार आरोपियों पर निवेशकों को फर्जी योजनाओं में लुभाने के लिए झूठी और भ्रामक जानकारी को बढ़ावा देने, झूठा वादा करने के आरोप है. जिसे कई सोशल मीडिया समूहों के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा था. जांच में सामने आया कि आरोपियों के पास कई बैंक खाते और CoinDCX, WazirX, Zebpay तथा BitBns जैसे प्लेटफॉर्म के वॉलेट है. इन वॉलेट्स के जरिए बीते दो सालों में 350 करोड़ रुपये से ज्यादा के लेनदेन हुआ है.