नई दिल्ली . दिल्ली सरकार महिलाओं की तरह दिल्ली में पंजीकृत लाखों निर्माण श्रमिकों को भी डीटीसी बसों में मुफ्त यात्रा का तोहफा दे सकती है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने श्रम विभाग को डीटीसी से बात कर इसकी संभावना तलाशने का निर्देश दिया है. अगर यह संभव होता है, तो दिल्ली सरकार बस पास के बदले डीटीसी को एक तय शुल्क का भुगतान करेगी ताकि उसको आर्थिक नुकसान न हो.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने श्रम विभाग के मंत्री राजकुमार आनंद व अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इसमें सीएम केजरीवाल ने श्रम विभाग में चल रही विभिन्न योजनाओं के साथ-साथ संसाधनों के इस्तेमाल और लिए जाने वाले टैक्स के बारे में जानकारी ली. इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि निर्धारित दिनों के अंदर इन धन राशियों के प्रभावी इस्तेमाल करने की बेहतर योजना को सुनिश्चित किया जाए . जल्द से जल्द श्रमिकों को बसों में मुफ्त यात्रा, ग्रुप लाइफ इंश्योरेंस की सुविधा और उनके जीवन को सुरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.
दिल्ली में हैं 13.4 लाख पंजीकृत श्रमिक
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली बिल्डिंग एंड अन्य कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड से 13.4 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं. अप्रैल महीने से इनका नवीनीकरण किया जाएगा. इनमें से लगभग 5.36 लाख कर्मचारी किसी भी समय राज्य में काम करने के लिए मौजूद हैं. पंजीकरण के लिए जागरूक करने पर दिया जोर: सीएम ने कहा कि निर्माण श्रमिकों की परिभाषा बहुत व्यापक है और प्लंबर, कारपेंटर और इलेक्ट्रिशियन सभी इसमें हैं. यदि योजनाओं का ठीक से प्रचार-प्रसार किया जाए तो लगभग 25-30 लाख श्रमिक दिल्ली बिल्डिंग एंड अन्य कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड से पंजीकृत हो सकते हैं.
समीक्षा बैठक में सीएम अरविंद केजरीवाल ने श्रम विभाग की चल रहीं विभिन्न योजनाओं और उनकी मौजूदा स्थिति पर विस्तार पूर्वक चर्चा की. इस दौरान उन्होंने विभाग द्वारा एकत्र किए जाने वाले टैक्स और संसाधनों के इस्तेमाल का ब्यौरा लिया और कुछ मुद्दों की पहचान कर समाधान करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा एकत्र किए गए टैक्स के पैसे का सकारात्मक और प्रभावी उपयोग किया जाए. मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर धनराशि का प्रभावी इस्तेमाल सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
60 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनरों का डेटा निकालने का निर्देश
इसके साथ ही सीएम ने विभाग को 60 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनरों का डेटा निकालने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि विभाग को 60 वर्ष या उससे अधिक आयु और निर्माण कार्यों में लगे लोगों की पहचान करने की जरूरत है. ऐसे लाभार्थियों की पहचान की जाए और उपलब्ध योजनाओं का उनको लाभ दिया जाए. विभाग को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि पेंशन योजना से अधिक से अधिक लाभार्थी लाभान्वित हों.