सत्या राजपूत, रायपुर. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस वर्ष के बजट में रायपुर मेडिकल कॉलेज में अत्याधुनिक आईवीएफ सेंटर की स्थापना के लिए राशि स्वीकृत की है. छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने इसे सरकार की संवेदनशील कदम बताया है. उन्होंने मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को अनुशंसा पत्र लिखकर मांग की है कि सभी जिला अस्पतालों में निःशुल्क आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) केंद्रों की स्थापना की जाए, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर निःसंतान दंपत्तियों को संतान सुख प्राप्त हो सके.

डॉ. वर्णिका ने बताया कि वर्तमान में संतान प्राप्ति के लिए कोई शासकीय चिकित्सा सुविधा या प्रतिपूर्ति योजना उपलब्ध नहीं है. आईवीएफ जैसी प्रक्रियाएं अत्यंत महंगी है, जिनकी लागत 1.5 लाख से 5 लाख रुपए तक होती है. यह निर्धन दंपत्तियों के लिए वहन करना असंभव है. डॉ. शर्मा ने कहा कि संतान प्राप्ति न केवल दंपत्ति का अधिकार है, बल्कि यह एक बच्चे के जन्म का अधिकार भी है.

उन्होंने सुझाव दिया है कि प्रथम चरण में प्रदेश के सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों में और द्वितीय चरण में जिला अस्पतालों में आईवीएफ सेंटर की स्थापना की जाए. यह सुविधा पूरी तरह निःशुल्क हो और इससे हजारों निर्धन दंपत्तियों को संतान का सुख मिल सकेगा.