रायपुर- दुर्ग-भिलाई में डेंगू के फैलाव को देखते हुए सरकार ने अहम फैसला लिया है. सरकार ने अपने फैसले में कहा है कि निजी नर्सिंग होम और निजी चिकित्सालयों में डेंगू पीड़ितों का निशुल्क इलाज किया जाएगा. ऐसे लोग जिनके पास स्मार्ट कार्ड नहीं है, उन्हें भी निशुल्क इलाज की सुविधा दी जाएगी. इलाज में खर्च राशि का भुगतान संजीवनी कोष से किया जाएगा. स्वास्थ्य आयुक्त आर प्रसन्ना ने इसे लेकर निर्देश जारी किया है.
इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने दुर्ग-भिलाई में डेंगू के नियंत्रण के लिए जन जागरूकता अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद काॅलेज और चंदूलाल चंद्राकर इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स की 35 टीमें बनाकर अलग-अलग वार्डों औऱ इलाकों में जाकर डेंगू के रोकथाम एवं उपायों को लेकर जागरूक किया जा रहा है. जागरूकता फैलाने के लिए गठित टीम ने पांच हजार घरों का दौरा किया है. चार हजार से अधिक घरों में लगे कूलर व पानी की टंकी की जांच की है. इनमें से 1865 कूलर एवं पानी की टंकी को खाली कराया गया है. दुर्ग में ही 36 हजार से अधिक घरों में टीम ने जांच की है. डेंगू जांच के लिए 404 ब्लड सैंपल लेकर मेडिकल काॅलेज भेजा गया है. इनमें से 282 में डेंगू के धनात्मक प्रकरण पाए गए हैं. 1865 टेमीफास लार्वा नष्ट किया गया है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अस्पतालों में इलाज करा रहे 77 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है.
1 जनवरी के बाद से अब तक डेंगू के 314 केस
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 1 जनवरी 2018 से लेकर 10 अगस्त तक डेंगू के कुल 314 केसेज सामने आए हैं. इनमें रायपुर में 10, दुर्ग में 282, राजनांदगांव में 3, बिलासपुर में 9, महासमुंद, सूरजपुर, बेमेतरा में 2-2, रायगढ़, कवर्धा, कोरिया, बालोद में 1-1, तथा बस्तर, दंतेवाड़ा, सुरमा, कोंडागांव, बीजापुर, कांकेर, नारायणपुर, बलौदाबाजार, धमतरी, गरियाबंद, जांजगीर, कोरबा, मुंगेली, बलरामपुर, जशपुर और सरगुजा में डेंगू के कोई भी प्रकरण सामने नहीं आए हैं.