अरविंद मिश्रा, बलौदाबाजार. पलारी विकासखंड के ग्राम दतान (प) के स्वतंत्रता सेनानी भुरुवा सिंह वर्मा (93) का निधन शनिवार को हो गया. निधन की खबर से अंचल में शोक है. उनका अंतिम संस्कार देवेंद्र नगर स्थित श्मशान घाट में किया गया. भुरुवा सिंह ने अपना पूरा जीवन देश सेवा एवं समाज कार्य में लगा दिया. उन्होंने गांव स्कूल खोलने के लिए डेढ़ एकड़ जमीन दान में दी.

जीवन संघर्ष यात्रा

स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भागीदारी, 1936 में घर में तिरंगा झंडा फहराकर एक मिसाल कायम की और अंग्रेजों की आंखों की किरकिरी बन गए. 1942 में गांधी के आव्हान पर भारत में छिड़े भारत छोड़ों आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. रैलियां निकली, जगह-जगह सभाएं की और गांव में मुख्य चौक पर तिरंगा झंडा फहरा दिया, फलस्वरुप छ: माह सश्रम कारावास की सजा हुई. रायपुर सेन्ट्रल जेल से रिहा होने पर पुनः आजादी के आंदोलन में सक्रिय हो गए.

इसी बीच 1943 से 1946 तक ग्राम जर्वे के मिडिल स्कूल में शिक्षकीय कार्य किया. 1946 से 1948 तक आरंग व बस्तर जिले में कृषि प्रचारक के पद पर कार्य किया. 1951-52 में नागपुर में डेढ़ वर्ष तक स्टाक मैन कम हेल्थ का प्रशिक्षण प्राप्त कर 1953 में बिलासपुर अस्पताल में हेल्थ असिस्टेंट रहे. 1955 में चंदखरी में प्रशिक्षण लेकर राजिम ब्लॉक में ग्राम सेवक के पद पर नियुक्त हुए तथा क्रमशः बेरला, पलारी ब्लॉक में कार्य किया. बस्तर जिले में लंबे समय तक इसी पद पर कार्य किया. 1982 में इसी पद पर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर कृषि एवं समाजसेवा से जुड़ गए.

गांव में स्कूल खोलने तीन एकड़ जमीन दी. पिता के नाम पर एक सभा भवन, माता एवं स्वर्गीय पौत्र के नाम पर डेढ़ लाख रु. की लागत से शिशु मंदिर का निर्माण कराया तथा हाईस्कूल के लिए पचास हजार की लागत से एक कक्ष का निर्माण कराया.